इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपने आचरण के लिए फटकारे जाने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता को राज्य सरकार ने पद से हटाया

LiveLaw News Network

14 April 2022 7:30 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपने आचरण के लिए फटकारे जाने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता को राज्य सरकार ने पद से हटाया

    उत्तर प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में एडवोकेट ज्योति सिक्का की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी। शासन सचिव प्रफुल्ल कमल ने इस आशय का पत्र उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता कार्यालय को भिजवाया।

    राज्य सरकार ने सरकारी वकील अमित शर्मा की नियुक्त भी रद्द कर दी। दोनों सरकारी वकीलों को साल 2017 में नियुक्त किया गया था।

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में दोनों सरकारी वकीलों को उनके आचरण के लिए फटकार लगाई थी।

    सरकारी वकील अमित शर्मा दो मार्च, 2022 को याचिकाकर्ता राज्य [यू.पी. वन विभाग के माध्यम से प्रभगिया वन अधिकारी लको. और अन्य] से कोर्ट में पेश हुए थे।

    लंच ब्रेक से पहले पहले सत्र में उन्होंने जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ को सूचित किया कि ज्योति सिक्का, अतिरिक्त महाधिवक्ता इस मामले में पेश होंगी और मामले को संशोधित कॉल में लिया जाना चाहिए, क्योंकि वह किसी अन्य मामले में व्यस्त हैं।

    इस अदालत जब ने सरकारी वकील से पूछा कि उस समय ज्योति सिक्का कहां व्यस्त हैं तो उन्होंने कहा कि वह किसी और मामले में व्यस्त हैं। अदालत ने एक विशिष्ट प्रश्न पूछा कि वह किस मामले में बहस कर रही हैं? इसका स्टैंडिंग काउंसल के पास कोई जवाब नहीं था।

    कोर्ट ने तब मामले को संशोधित कॉल में लेने का फैसला किया। हालांकि, जब मामले को संशोधित कॉल में लिया गया, तब भी एएजी मौजूद नहीं थे। जब कोर्ट ने शर्मा से पूछा कि वह कहां व्यस्त हैं तो उन्होंने कहा कि वह कोर्ट छोड़ चुकी हैं, क्योंकि उनके पास कुछ जरूरी काम है।

    कोर्ट ने शुरू में कहा कि शर्मा में कोर्ट में पूरी तरह झूठ बोलने की हिम्मत है।

    इसके अलावा, कोर्ट ने इस प्रकार टिप्पणी की:

    "यह नोट करना बहुत तकलीफदेह है कि ज्योति सिक्का ने मामले को स्वीकार करने के बावजूद अदालत परिसर छोड़ने के लिए अदालत की अनुमति लेने के लिए कोई शिष्टाचार नहीं दिखाया, जबकि मामले को संशोधित कॉल में रखा गया था। यह कोर्ट अमित शर्मा, सरकारी वकील और ज्योति सिक्का, राज्य की अतिरिक्त महाधिवक्ता के इस प्रकार के आचरण को मंजूरी नहीं दे सकता... इस आदेश की एक प्रति प्रमुख सचिव (कानून) और अतिरिक्त मुख्य सचिव को अग्रेषित की जाए, उत्तर प्रदेश वन विभाग सूचना एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु।"

    यूपी सरकार का आदेश डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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