यूपी विधानसभा चुनाव: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने COVID-19 मामलों में वृद्धि के बीच पीठासीन अधिकारियों के ऑनलाइन ट्रेनिंग की मांग वाली याचिका खारिज की

LiveLaw News Network

25 Jan 2022 6:30 AM GMT

  • यूपी विधानसभा चुनाव: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने COVID-19 मामलों में वृद्धि के बीच पीठासीन अधिकारियों के ऑनलाइन ट्रेनिंग की मांग वाली याचिका खारिज की

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों (जो COVID-19 ​​​​के लिए अतिसंवेदनशील हैं) की ऑनलाइन ट्रेनिंग के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

    जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। खंडपीठ ने ने ईसीआई से जवाब मांगा था कि क्या ऑनलाइन मोड के माध्यम से ऐसे व्यक्तियों को ट्रेनिंग दी जा सकती है जो प्रतिरक्षात्मक है और जिनके परिवार के सदस्यों को COVID-19 से खतरा है।

    न्यायालय दयालबाग शिक्षा संस्थान द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें कहा गया कि इसके साथ काम करने वाले 194 व्यक्तियों को 24 और 25 जनवरी, 2022 को चुनाव ड्यूटी ट्रेनिंग के लिए ईसीआई द्वारा आने के लिए कहा गया है। इन 194 व्यक्तियों में से कुछ ऐसी बीमारियों से पीड़ित हैं जो उन्हें COVID-19 संक्रमण के प्रति संवेदनशील बनाती हैं।

    इसलिए, याचिकाकर्ता संस्थान द्वारा यह प्रार्थना की गई कि जो व्यक्ति COVID-19 के प्रति संवेदनशील हैं, उन्हें ईसीआई द्वारा ऑनलाइन ट्रेंड किया जाए।

    24 जनवरी को कोर्ट की कार्यवाही

    राज्य सरकार ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि 23 जनवरी, 2022 को ही जिला मजिस्ट्रेट/जिला चुनाव अधिकारी, आगरा ने एक सर्कुलर जारी किया। इसमें कहा गया कि जो व्यक्ति ट्रेनिंग में भाग नहीं ले सकते वे इसके तहत गठित समिति के समक्ष आवेदन कर सकते हैं। शासनादेश एवं समिति उनकी कठिनाइयों पर विचार करेगी।

    दूसरी ओर, ईसीआई ने प्रस्तुत किया कि पीठासीन अधिकारी (याचिकाकर्ता संस्थान के साथ काम करने वाले व्यक्ति) को वीवीपैट मशीनों और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के संचालन के लिए खुद को ट्रेंड करना होगा इसलिए, यह प्रस्तुत किया कि यह ट्रेनिंग तभी दी जा सकती है जब अधिकारी फिजिकल रूप से मौजूद हो।

    ईसीआई द्वारा आगे यह प्रस्तुत किया गया कि ट्रेनिंग के स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसलिए, यह दावा किया गया कि किसी के संक्रमित होने की बहुत कम संभावना है।

    अन्त में यह भी कहा गया कि यदि कार्य दिवस पर शिक्षकों की ट्रेनिंग में कोई कठिनाई आती है तो निश्चित रूप से 29 जनवरी, 2022 शनिवार को उनके ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी।

    इस पृष्ठभूमि के खिलाफ अदालत ने कहा कि चूंकि ट्रेनिंग आज और कल होनी है और चूंकि ऐसे व्यक्तियों के ट्रेनिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है, जिन्हें इन दो दिनों में ट्रेंड नहीं किया जा सकता है, इसलिए वर्तमान मामले में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

    अंत में चुनाव आयोग के सरकारी वकील के इस तर्क को ध्यान में रखते हुए कि ट्रेनिंग स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग की पर्याप्त व्यवस्था होगी, रिट याचिका को तदनुसार खारिज कर दिया गया।

    केस का शीर्षक - दयालबाग शिक्षा संस्थान बनाम भारत निर्वाचन आयोग और दो अन्य

    केस उद्धरण: 2022 लाइव लॉ (एबी) 23

    ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



    Next Story