ग़ैरक़ानूनी बैठक मामला : IPC की धारा 149 के तहत अपराधों की सुनवाई सिर्फ़ इसलिए ग़ैरक़ानूनी नहीं क्योंकि धारा 141 की मदद नहीं ली गई, पढ़िए फैसला
LiveLaw News Network
9 Aug 2019 2:45 PM IST
जब तक धारा 141 के तहत ग़ैरक़ानूनी रूप से जमा होने और धारा 143 के तहत सज़ा देने की बात नहीं है तब तक धारा 149 के प्रावधान लागू नहीं किए जा सकते। सुप्रीम कोर्ट के कुछ फ़ैसलों का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि धारा 141 को लागू नहीं करने का महत्व यह है कि ग़ैरक़ानूनी सभा/बैठक के अस्तित्व का आधार ही नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर यह साबित होता है कि सभा/बैठक ग़ैरक़ानूनी थी तो आईपीसी की धारा 149 की मदद ली जा सकती है और अगर धारा 141 की मदद नहीं ली गई है तो इससे धारा 149 के तहत होने वाली सुनवाई ग़ैरक़ानूनी नहीं हो जाएगी।
धारा 149 के अनुसार इस सभा/बैठक में शामिल होने वाले सभी लोग दोषी हो सकते हैं। धारा 141 के अनुसार ग़ैरक़ानूनी बैठक/सभा वह है जिसमें पाँच या इससे अधिक व्यक्ति समान उद्देश्य से एक जगह जमा होते हैं और धारा 143 इस बैठक के लिए सज़ा के प्रावधान की बात करता है।
इस मामले (देव करन बनाम हरियाणा राज्य) में विवाद का बिंदु यह था कि जब तक धारा 141 के तहत ग़ैरक़ानूनी रूप से जमा होने और धारा 143 के तहत सज़ा देने की बात नहीं है तब तक धारा 149 के प्रावधान लागू नहीं किए जा सकते। सुप्रीम कोर्ट के कुछ फ़ैसलों का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि धारा 141 को लागू नहीं करने का महत्व यह है कि ग़ैरक़ानूनी सभा/बैठक के अस्तित्व का आधार ही नहीं है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और केएम जोसेफ़ की पीठ ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि चार्ज लगाते समय धारा 141 को शामिल नहीं करना भयंकर भूल थी और इससे पूरी कार्यवाही ही ग़ैरक़ानूनी हो जाएगी या फिर इसमें धारा 149 को लागू करने का मौक़ा ही नहीं मिलेगा। अदालत ने कहा,
"…धारा 149 की मदद लेने के लिए क्या जरूरी है इसे तीन फ़ैसलों में बताया गया है। कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि धारा 141 को विशेष रूप से लागू किया जाना चाहिए नहीं तो इसके भयंकर परिणाम होंगे। अगर किसी सभा/बैठक को ग़ैरक़ानूनी बताने के लिए ज़रूरी अवयवों का निर्धारण और उनको साबित किया जा सकता है जैसा कि धारा 141 में कहा गया है, तो यह पर्याप्त होगा। किसी ग़ैरक़ानूनी बैठक/सभा के ख़िलाफ़ कार्रवाई और इसके बाद इसके लिए दंड के बारे में अगले प्रावधानों, धारा 141 के बाद बताया गया है और जब तक इन अवयवों उसमें मौजूद हैं, आईपीसी की धारा 149 की मदद ली जा सकती है"।