स्वामी नित्यानंद पर दो महिलाओं को बंधक बनाने का आरोप- ‘कथित रूप दोनों महिलाओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश होने में कोई आपत्ति नहीं है’: गुजरात हाईकोर्ट को सूचित किया गया
Brij Nandan
14 Feb 2023 2:17 PM IST
कथित रूप से स्वामी नित्यानंद द्वारा दो महिलाओं को बंधक बनाने के मामले में गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) को सूचित किया गया कि दोनों महिलाओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश होने में कोई आपत्ति नहीं है।
जस्टिस एन. वी. अंजारिया और जस्टिस निराल आर. मेहता की खंडपीठ 2019 में लोपामुद्रा (21 वर्ष) और नंदिता (18 वर्ष) के पिता द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो कथित रूप से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई थीं।
याचिका में पिता द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि नित्यानंद द्वारा लड़कियों को जबरन ले जाया गया था और अन्य उद्देश्यों के लिए बहकाया गया था।
लड़कियों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट बी बी नाइक ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग व्यवस्था के माध्यम से अदालत में पेश होने में कोई आपत्ति नहीं है।
हालांकि, वकील ने ये भी कहा कि अदालत पहले बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर विचार करने के लिए क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के संबंध में उनकी प्रारंभिक आपत्ति पर विचार कर सकती है और निर्णय ले सकती है।
अदालत ने लापता लड़कियों के स्थान के बारे में पूछताछ की, जिस पर यह सूचित किया गया कि इस तथ्य के अलावा कोई अन्य जानकारी उपलब्ध नहीं है कि वे जमैका में हैं और किंग्स्टन में रह रही हैं।
अदालत ने कहा कि इस तरह की जानकारी प्रस्तुत करने पर कोई आपत्ति नहीं है, इससे अदालत को मामले पर विचार करने की प्रक्रिया में मदद मिलेगी।
लड़कियों के वकील ने कहा कि वह अगली तारीख तक ऐसी अन्य प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।
इससे पहले कोर्ट ने गृह मंत्रालय से जवाब मांगा था। वकील क्षितिज अमीन ने अदालत को सूचित किया कि भारत सरकार जवाब में एक हलफनामा दायर करेगा।
कोर्ट ने मामले को 27 फरवरी को फिर से सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।
केस टाइटल: जनार्दन रामकृष्ण शर्मा बनाम गुजरात राज्य
कोरम: जस्टिस एन. वी. अंजारिया और जस्टिस निराल आर. मेहता
आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें: