इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा फैमिली कोर्ट के न्यायाधीशों के लिए 'द कॉन्सेप्ट एंड टेक्निक्स ऑफ मेडिएशन' पर ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन

Sharafat

19 April 2023 5:07 PM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा फैमिली कोर्ट के न्यायाधीशों के लिए द कॉन्सेप्ट एंड टेक्निक्स ऑफ मेडिएशन पर ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 और 16 अप्रैल को फैमिली कोर्ट के जजों के लिए 'द कॉन्सेप्ट एंड टेक्निक्स ऑफ मेडिएशन' पर 2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य पारिवारिक विवादों को निपटाने में जजों के कौशल को बढ़ाना था।

    इस वर्कशॉप का आयोजन फैमिली कोर्ट मामलों की संवेदीकरण समिति, इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर, जस्टिस सुनीता अग्रवाल, जस्टिस डीके उपाध्याय, जस्टिस संगीता चंद्रा, जस्टिस अजय भनोट, जस्टिस मंजू रानी चौहान और जस्टिस साधना रानी (ठाकुर) के मार्गदर्शन में किया गया।

    इस कार्यक्रम का उद्घाटन पारिवारिक न्यायालय मामलों की संवेदनशीलता समिति की चेयरपर्सन जस्टिस सुनीता अग्रवाल और समिति की सदस्य जस्टिस साधना रानी ठाकुर के साथ अतिथि के रूप में जस्टिस जे जे मुनीर ने मंच की शोभा बढ़ाई।

    जस्टिस साधना रानी ठाकुर ने अपने शानदार संबोधन में परिवार न्यायालय के न्यायाधीशों को मध्यस्थता की अवधारणाओं और तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण की आवश्यकता के बारे में बताया।

    वर्कशॉप के उद्घाटन सत्र में इलाहाबाद हाईकोर्ट के विभिन्न न्यायाधीशों ने भाग लिया। प्रतिभागियों में इलाहाबाद, बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन के उरई, झांसी, कानपुर नगर, कौशाम्बी, ललितपुर, महोबा, रायबरेली, रमाबाई नगर, उन्नाव के परिवार न्यायालयों में पदस्थ प्रधान न्यायाधीश और अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश शामिल थे।

    प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र का संचालन मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति, सुप्रीम कोर्ट के विशेषज्ञ मध्यस्थता प्रशिक्षक अनूप कुमार श्रीवास्तव, नीरज उपाध्याय, राजलक्ष्मी सिन्हा एवं संदीप सक्सेना ने किया।

    संसाधन व्यक्तियों/प्रशिक्षकों को समिति की चेयरपर्सन जस्टिस सुनीता अग्रवाल द्वारा सम्मानित किया गया। समापन सत्र को जस्टिस साधना रानी (ठाकुर) ने संबोधित किया और प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए।

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