तंजावुर आत्महत्या: मद्रास हाईकोर्ट ने कथित धर्मांतरण का वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को जांच के लिए बुलाया, वीडियो की फोरेंसिक जांच के आदेश दिए
LiveLaw News Network
25 Jan 2022 11:37 AM IST
मद्रास हाईकोर्ट (Madras high Court) की मदुरै पीठ ने 17 वर्षीय लड़की की आत्महत्या (Thanjavur Suicide) से संबंधित जांच को सीबी-सीआईडी को ट्रांसफर करने के लिए दायर एक याचिका में वायरल वीडियो के फोरेंसिक जांच का आदेश दिया है।
वीडियो में मृतक ने यह बात कही है कि स्कूल के अधिकारियों ने उसे जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास किया।
अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा केवल मृतक की आवाज की पुष्टि पर्याप्त नहीं है।
इसलिए, अदालत ने वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को 25 जनवरी को जांच अधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है।
आज (25 जनवरी) सुबह 10 बजे याचिकाकर्ता-पिता द्वारा पहचाने गए मुथुवेल नाम के उक्त व्यक्ति को रिकॉर्ड किए गए वीडियो वाले मोबाइल फोन को सौंपने के लिए कहा गया है।
विचाराधीन वीडियो में मृतक द्वारा ईसाई धर्म में धर्म परिवर्तन के लिए स्कूल प्रबंधन के प्रयासों पर दिए गए बयान शामिल हैं।
जांच अधिकारी इस मोबाइल को काम्पैक्ट डिस्क के साथ फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजेगा। फोरेंसिक विश्लेषण तमिलनाडु फोरेंसिक साइंस लैब, मायलापुर, चेन्नई द्वारा किया जाएगा।
न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन को सूचित किया गया कि याचिकाकर्ता और उनकी पत्नी दोनों ने शनिवार को उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपने बयान दर्ज कराए।
हाईकोर्ट यह भी पुष्टि करने में सक्षम था कि रिकॉर्ड किए गए बयान वर्तमान जांच अधिकारी को सौंपे गए हैं। दिए गए बयानों को देखते हुए अदालत ने अनुमान लगाया कि दोनों याचिकाकर्ता अपनी बेटी के जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के प्रयासों के बारे में बताते हैं।
याचिकाकर्ता कोर्ट की कार्यवाही के दौरान वीसी के जरिए भी मौजूद रहे। याचिकाकर्ता और उसकी पत्नी दोनों को भी मंगलवार सुबह 10 बजे जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया है।
कोर्ट ने फॉरेंसिक लैब को 27 जनवरी शाम 5 बजे तक जांच अधिकारी के स्पेशल मैसेंजर के जरिए रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
क्षेत्रीय फोरेंसिक साइंस लैब, तंजावुर को 27 जनवरी को शाम 4 बजे तक विसरा रिपोर्ट और अन्य रिपोर्ट अधिकारी को सौंपने के लिए कहा गया है।
27 जनवरी तक जांच अधिकारी को अदालत के आदेश के आधार पर राय के साथ अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी प्राप्त होगी।
अदालत ने अधिकारी को यह तय करने के लिए मंगलवार तक का समय दिया है कि क्या याचिकाकर्ता और उसकी पत्नी द्वारा दिए गए सीआरपीसी की धारा 164 के बयानों के आधार पर एक परिवर्तन रिपोर्ट दायर की जानी चाहिए।
मामले को आगामी आदेश के लिए 28 जनवरी की शाम चार बजे सूचीबद्ध किया गया है।
पूरा मामला
शनिवार को विशेष बैठक में कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया था कि जब परिवार अपने रीति-रिवाजों के अनुसार बच्चे का अंतिम संस्कार करता है तो वह हस्तक्षेप न करे।
चूंकि तंजावुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम की विश्वसनीयता पर कोई संदेह नहीं है, इसलिए पीठ ने जिला कलेक्टर को शव को मृत बच्चे के मूल स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा।
अदालत ने पुलिस को यह भी सख्त आदेश दिया कि वह बच्ची का वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को परेशान न करें।
इसके बजाय, अदालत ने अधिकारियों से उन परिस्थितियों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा, जिनके कारण उसने आत्महत्या की।
मृतक, थिरुकट्टुपल्ली के थूया इरुधाया हायर सेकेंडरी स्कूल में 12 वीं कक्षा का छात्रा घटना के समय स्कूल हॉस्टल में रह रही थी। कथित तौर पर, उसने 9 जनवरी को छात्रावास परिसर के अंदर जहर पी लिया।
पुलिस ने 16 जनवरी को उसका बयान लिया, जिसके आधार पर छात्रावास वार्डन पर आईपीसी की धारा 305, 511 और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 और 82 (1) के तहत अपराध के लिए मामला दर्ज किया गया था।
उस पर यह भी आरोप था कि उसके द्वारा ईसाई धर्म न अपनाने पर स्कूल प्रबंधन ने उसे प्रताड़ित किया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट एम.कार्तिकेय वेंकटाचलपति और प्रतिवादियों की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक टी. सेंथिल कुमार पेश हुए।
केस का शीर्षक: मुरुगनाथम बनाम पुलिस महानिदेशक एंड अन्य।
केस नंबर: 2022 का सीआरएल ओपी (एमडी) नंबर 1344
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