टेरर फंडिंग मामला: यासीन मलिक मौत की सजा की मांग वाली एनआईए की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष वीसी के माध्यम से हुई पेशी

Sharafat

9 Aug 2023 7:54 AM GMT

  • टेरर फंडिंग मामला: यासीन मलिक मौत की सजा की मांग वाली एनआईए की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष वीसी के माध्यम से हुई पेशी

    आतंकी फंडिंग मामले में दोषी करार दिए गए कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को बुधवार को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली हाईकोर्ट में पेश किया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की है।

    जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ की अनुपलब्धता के कारण मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी गई।

    जबकि शुरुआत में मलिक के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किए गए थे, जिसे मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। पीठ ने पिछले हफ्ते आदेश में संशोधन किया और मलिक को आज वीसी के माध्यम से पेश होने की अनुमति दी थी।

    ऐसा तब हुआ जब अदालत ने मलिक को शारीरिक रूप से पेश करने में "भारी सुरक्षा समस्या" का हवाला देते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने के लिए तिहाड़ जेल अधिकारियों द्वारा दायर आवेदन की अनुमति दी।

    मलिक को पिछले साल मई में विशेष एनआईए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। मलिक ने मामले में अपना दोष स्वीकार कर लिया था और अपने खिलाफ आरोपों का विरोध नहीं किया था।

    उम्रकैद की सजा सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कहा था कि अपराध शीर्ष अदालत द्वारा आयोजित दुर्लभतम मामले की कसौटी पर खरा नहीं उतरा।

    न्यायाधीश ने मलिक की इस दलील को भी खारिज कर दिया था कि उसने अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत का पालन किया है और शांतिपूर्ण अहिंसक संघर्ष का नेतृत्व किया है।

    अदालत ने पिछले साल मार्च में इस मामले में मलिक और कई अन्य लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप तय किए थे।

    जिन अन्य लोगों पर आरोप लगाए गए और मुकदमे का दावा किया गया उनमें हाफिज मुहम्मद सईद, शब्बीर अहमद शाह, हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सलाहुद्दीन, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद शाह वटाली, शाहिद-उल-इस्लाम, अल्ताफ अहमद शाह उर्फ ​​फंटूश, नईम खान, फारूक अहमद डार उर्फ ​​बिट्टा कराटे शामिल थे। .

    अदालत ने कामरान यूसुफ, जावेद अहमद भट्ट और सैयदा आसिया फिरदौस अंद्राबी नाम के तीन लोगों को आरोपमुक्त कर दिया था।

    केस टाइटल : राज्य (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) बनाम मोहम्मद यासीन मलिक

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