दूरसंचार कंपनियां अपनी सेवाओं का उपयोग कर साइबर धोखाधड़ी में एफआईआर दर्ज नहीं करवाकर ट्राई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं: पटना हाईकोर्ट
LiveLaw News Network
13 Jan 2022 11:45 AM IST
पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रथम दृष्टया टिप्पणी की कि दूरसंचार कंपनियां उनके सिम का उपयोग करके किए गए साइबर धोखाधड़ी के संबंध में एफआईआर दर्ज नहीं करके ट्राई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं।
हाईकोर्ट ने कहा,
"वे डीजीपी के कार्यालय में शिकायत दर्ज करने और उसी की प्रति प्राप्त करने का एक नया तरीका लेकर आए हैं। उनके अनुसार, यह दूरसंचार कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया है ... दूरसंचार कंपनियां सरकार द्वारा दिए गए लाइसेंस के तहत काम कर रही हैं। वे लाइसेंस की शर्तों को पूरा करने की कोशिश नहीं कर सकते हैं।"
इन परिस्थितियों में सभी दूरसंचार कंपनियों के बिहार के सर्किल प्रमुखों यानी भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, बीएसएनएल और रिलायंस जियो लिमिटेड को वस्तुतः 13 जनवरी, 2022 को अदालत की कार्यवाही में शामिल होने का निर्देश दिया गया। साथ ही एक हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया गया कि कैसे वे ट्राई के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
जस्टिस संदीप कुमार की खंडपीठ ने बिहार के नवादा शहर से संचालित एक व्यक्ति विशाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की। विशाल कथित तौर पर 28 पृष्ठों में निहित मोबाइल फोन नंबरों के साथ आम जनता को धोखा देने के उद्देश्य से साइबर क्राइम करते हुए पाया गया था।
कोर्ट ने 21 अक्टूबर, 2021 को उसे अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए मामले के जांच अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि साइबर अपराध का मामला वर्ष 2020 का होने के बावजूद मामले के आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
साइबर ठगी से जुड़े एक अन्य मामले में मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरपुर ने अदालत को बताया कि पी.एन.बी. और जांच चल रही है। पी.एन.बी के एक अधिकारी सहित कुछ आरोपी व्यक्ति गिरफ्तार किए गए हैं।
एजीएम, पीएनबी अधिवक्ता सुरेश प्रसाद सिंह के माध्यम से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया कि पी.एन.बी. मामले की जांच कर रहे है और अभी भी जांच चल रही है।
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पी.एन.बी. इस तरह की धोखाधड़ी पूरे देश में चल रही है।
इसलिए कोर्ट ने पी.एन.बी. मुजफ्फरपुर एवं अन्य स्थानों से शिकायत मिलने पर उनके एप में आवश्यक परिवर्तन करने के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी न्यायालय को देना को कहा।
साइबर सुरक्षा के प्रभारी व्यक्ति के साथ-साथ पीएनबी के 'ऐप' को बनाए रखने वाले व्यक्तियों को 13.01.2022 को वर्चुअल मोड के माध्यम से न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया ताकि अदालत को सूचित किया जा सके कि पीएनबी के 'ऐप' में कमियों/दोषों को दूर करने के लिए लिया गया क्या कदम उठाए गए हैं।
इसके अलावा, चूंकि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दायर नोट वित्तीय खुफिया इकाई के नोट में उठाई गई चिंताओं को ठीक से स्पष्ट नहीं कर सका, इसलिए कोर्ट ने आरबीआई को निर्देश दिया कि वह 13.01.2022 को तथ्यों से अच्छी तरह परिचित एक जिम्मेदार अधिकारी के माध्यम से अदालत के सामने पेश हो।
केस का शीर्षक - शिव कुमार बनाम बिहार राज्य और अन्य
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