तेलंगाना हाईकोर्ट ने अमिताभ बच्चन-स्टारर फिल्म 'झुंड' के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए

Brij Nandan

2 May 2022 11:51 AM GMT

  • तेलंगाना हाईकोर्ट ने अमिताभ बच्चन-स्टारर फिल्म झुंड के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए

    तेलंगाना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हैदराबाद के फिल्म निर्माता नंदी चिन्नी कुमार की याचिका पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है, जिसमें अमिताभ बच्चन-स्टारर फिल्म 'झुंड' को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई है।

    जस्टिस पी. श्री सुधा की एकल पीठ ने निर्देश दिया,

    "मामले की अगली सुनवाई तक यानी 8 जून तक दोनों पक्ष यथास्थिति बनाए रखें।"

    कोर्ट ने प्रतिवादियों को अस्थायी निषेधाज्ञा की मांग करने वाले याचिकाकर्ता के आवेदन का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

    तेलंगाना की एक स्थानीय अदालत ने नंदी चीनी कुमार द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें पिछले साल जारी किए गए समझौता आदेश को वापस लेने और फिल्म निर्माताओं द्वारा किए गए समझौते के उल्लंघन का हवाला देते हुए फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

    चूंकि ट्रायल कोर्ट ने अपने आदेश सुरक्षित रख लिए थे और फिल्म 4 मार्च को रिलीज होने वाली थी, इसलिए याचिकाकर्ता ने फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने की मांग करते हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

    उच्च न्यायालय ने नंदी की उस याचिका को खारिज कर दी थी, जिसमें उसने जनवरी 2021 के उस आदेश को वापस लेने की मांग की थी जिसमें फिल्म के निर्माता सुपर कैसेट्स (टीएससीरीज) से हर्जाने की मांग करते हुए उनके द्वारा दायर दीवानी मुकदमे का अदालत के बाहर निपटान रिकॉर्ड करके निपटाया गया था।

    इसके साथ ही उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

    अदालत को बताया गया कि फिल्म के निर्माताओं और कुमार के बीच पहले ही समझौता हो चुका है। इसके हिस्से के रूप में, कुमार को 5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।

    कुमार ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए एक समीक्षा याचिका दायर की और वह लंबित है।

    क्या है पूरा मामला?

    फिल्म निर्माता नंदी चिन्नी कुमार ने दो साल पहले फिल्म पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया था। झुंड फिल्म को बीते साल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जाने वाला था, लेकिन मामला सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसकी रिलीज पर रोक लगा दी थी।

    साल 2021 में दोनों पक्षों के बीच 1.3 करोड़ रुपए में समझौता हुआ था, लेकिन नंदी कुमार ने हाल ही में कहा कि यह समझौता धोखाधड़ी से किया गया था।

    'झुंड'फिल्म एक सामाजिक कार्यकर्ता, 'स्लम सॉकर फाउंडेशन' के संस्थापक और फुटबॉल कोच विजय बरसे के जीवन पर आधारित है।

    विजय बरसे, अखिलेश पॉल के कोच थे और उन्होंने पॉल को ट्रेनिंग भी दी थी, जो उनकी कहानी का एक अहम हिस्सा हैं। अखिलेश के बिना विजय की कहानी संभव नहीं है।

    नंदी चिन्नी ने साल 2017 में अखिलेश पॉल की कहानी पर फिल्म बनाने के लिए उनके नाम के राइट्स खरीदे थे। जब उन्हें पता चला कि विजय बरसे पर बॉलीवुड फिल्म बन रही है तो उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी।

    नंदी ने प्रस्तुत किया था कि निर्देशक नागराज मंजुले और निर्माताओं ने विजय बरसे के जीवन पर एक फिल्म बनाने के अधिकार खरीदे, 'झुंड' भी एक प्रमुख भूमिका में अखिलेश पॉल की कहानी को प्रदर्शित करता है, इस प्रकार कथित तौर पर कॉपीराइट का उल्लंघन करता है।

    याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट वी सत्यनारायण प्रसाद पेश हुए और प्रतिवादी की ओर से रूशिक रेड्डी पेश हुए।

    केस का शीर्षक: नंदी कुमार चन्नी बनाम एन.प्रकाश राव

    कोरम: जस्टिस पी. श्री सुधा

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:




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