पैगंबर पर टिप्पणी मामला : तेलंगाना कोर्ट ने निलंबित भाजपा विधायक टी राजा सिंह की रिहाई का आदेश दिया, पुलिस रिमांड आवेदन वापस किया
Sharafat
23 Aug 2022 8:32 PM IST
हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को हैदराबाद पुलिस द्वारा भाजपा विधायक राजा सिंह के खिलाफ पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी के मामले में दर्ज एक मामले के संबंध में दायर रिमांड रिपोर्ट खारिज कर दी।
राजा के वकील करुणा सागर ने लाइव लॉ से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि पुलिस सीआरपीसी की धारा 41 ए के प्रावधानों का पालन करने में विफल रही है जैसा कि अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिशा निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट ने निलंबित विधायक की रिहाई का आदेश दिया है।
अर्नेश कुमार के फैसले के अनुसार , गिरफ्तारी अपवाद होनी चाहिए जहां अपराध में सज़ा का प्रावधान सात साल से कम हो और ऐसे मामलों में गिरफ्तारी के बजाय सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत पेश होने के लिए नोटिस दिया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में असाधारण परिस्थितियों में गिरफ्तारी की जा सकती है, लेकिन कारणों को लिखित रूप में दर्ज करना होगा।
नाओमपल्ली अदालत ने यह कहते हुए उसका रिमांड वापस कर दिया कि निलंबित भाजपा विधायक टी राजा सिंह को सीआरपीसी की धारा 41 ए के उल्लंघन में गिरफ्तार किया गया था और आगे निलंबित विधायक की रिहाई का आदेश दिया।
निलंबित भाजपा विधायक ने सोमवार को स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की आलोचना करते हुए कथित तौर पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्हें इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कुछ टिप्पणी करते हुए देखा गया था।
निलंबित भाजपा विधायक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने का इरादा), धारा 505 (2) (शत्रुता और घृणा की भावनाओं को पैदा करने या बढ़ावा देने के इरादे से अफवाह या खतरनाक समाचार वाले किसी भी बयान या रिपोर्ट को बनाना, प्रकाशित करना या प्रसारित करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इससे पहले आज निलंबित भाजपा विधायक को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था और भाजपा ने उसे "विभिन्न मामलों पर पार्टी की विचारधारा से विपरीत विचार व्यक्त करने" के लिए निलंबित कर दिया था। भाजपा ने निलंबित विधायक को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया और उससे 10 दिनों में जवाब देने को कहा है। बीजेपी ने नोटिस देते हुए पूछा है कि क्यों न उसे पार्टी से निकाल दिया जाए।