तरूण तेजपाल के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित

LiveLaw News Network

6 Aug 2019 12:02 PM GMT

  • तरूण तेजपाल के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित

    पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष के उन बयानों पर सिर्फ इसलिए अविश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में नहीं दिखता कि वह लिफ्ट से बाहर निकलकर भागी थी जैसा कि उसके बयान में दावा किया गया है।

    सहकर्मी से रेप के मामले में तहलका के संपादक तरूण तेजपाल के आरोपों को रद्द कर आरोपमुक्त करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने तेजपाल पर कई सवाल भी उठाए और कहा कि जिस तरह के आरोप लगे हैं, उन्हें देखने के बाद धरती पर कोई भी उन्हें आरोपमुक्त नहीं कर सकता है।

    पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष के उन बयानों पर सिर्फ इसलिए अविश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में नहीं दिखता कि वह लिफ्ट से बाहर निकलकर भागी थी जैसा कि उसके बयान में दावा किया गया है। पीठ ने ये भी कहा कि शिकायत दर्ज होने से पहले तेजपाल ने पीड़िता से माफी भी मांगी थी। उस पर अविश्वास क्यों किया जाना चाहिए। यदि आरोप सही हैं तो यह गंभीर है क्योंकि आप इस क्षमता में थे।

    तेजपाल की ओर से आरोपों को बताया गया बेबुनियाद

    वहीं तेजपाल की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने यह दावा किया कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं और इसका कोई सबूत नहीं है। यहां तक कि सीसीटीवी फुटेज में भी ये नहीं दिखता कि पीड़िता घटना के बाद लिफ्ट से निकलकर भागी थी जबकि पीड़िता ने पुलिस को ये ही बयान दिए थे। ऐसे में तेजपाल के खिलाफ आरोपों को रद्द कर आरोपमुक्त किया जाना चाहिए।

    तेजपाल ने दी है बॉम्बे HC के फैसले को चुनौती

    दरअसल तरूण तेजपाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ रेप के आरोपों को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में तेजपाल ने यह कहा है कि पीड़िता के बयानों और वीडियो रिकार्डिंग में विरोधाभास हैं। सुनवाई में कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य दस्तावेजो को भी देखा था।

    इससे पहले 6 दिसंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने गोवा की निचली अदालत को मामले में ट्रायल जारी रखने के आदेश दिए थे। बेंच ने मापसा की कोर्ट को मामले के करीब 150 गवाहों के बयान दर्ज करने के भी आदेश दिए थे। सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को भी यह निर्देश दिया था कि वो तरूण तेजपाल की उस अर्जी पर 3 महीने में सुनवाई पूरी करे जिसमें ट्रायल कोर्ट के तय आरोपों को रद्द करने की मांग की गई थी।

    दरअसल मापसा की कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर ट्रायल का वक्त बढाने की मांग की थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014 में तरूण तेजपाल को जमानत देते हुए 8 महीने में ट्रायल पूरा करने को कहा था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को और वक्त दे दिया था।

    HC ने मापसा कोर्ट को दिए थे तेजपाल पर आरोप तय करने के आदेश

    गौरतलब है कि गोवा की अदालत ने 29 सितंबर 2017 को पूर्व महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न और रेप के आरोपी तहलका के संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप तय किए थे। कोर्ट ने कहा था कि तेजपाल पर रेप का मामला भी चलेगा। वहीं तरूण तेजपाल ने अपना अपराध स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। इस मामले में तेजपाल के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच में मापसा कोर्ट की कार्रवाई को रोकने के लिए अर्जी दी थी। मगर हाईकोर्ट ने उस अर्जी को खारिज करते हुए मापसा कोर्ट को तेजपाल पर आरोप तय करने के आदेश दिए थे। हालांकि हाईकोर्ट ने मापसा अदालत को इस केस से संबंधित गवाहों की जांच करने से रोक दिया था।

    इसके पहले 16 जून 2017 को हुई सुनवाई से पहले कोर्ट ने पूरे मामले की कोर्ट प्रक्रिया के मीडिया में छपने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने CrPC की धारा 327(3) के तहत मामले की मीडिया कवरेज पर रोक लगाई थी।

    तेजपाल पर लगाए गए आरोप और उनके खिलाफ मामला

    मापसा की जिला व सत्र न्यायालय आरोपों को रद्द करने की मांग वाली याचिका पहले ही खारिज कर चुकी हैं। अदालत ने कहा था कि तेजपाल के खिलाफ आइपीसी की धारा 341 (दोषपूर्ण अवरोध), 342 (दोषपूर्ण परिरोध), 354 ए और बी (महिला पर यौन प्रवृत्ति की टिप्पणियां और उस पर आपराधिक बल का प्रयोग करना) तथा 376 (रेप) के k और f सब सेक्शन के तहत आरोप तय किए हैं। गौरतलब है कि तेजपाल की एक जूनियर सहयोगी ने उन पर वर्ष 2013 में एक कार्यक्रम के दौरान गोवा के एक पांच सितारा होटल की एक लिफ्ट के अंदर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। तेजपाल फिलहाल जमानत पर हैं।

    गौरतलब है कि निर्भया मामले के बाद महिलाओं से अपराध के नए कानून आने के बाद हाईप्रोफाइल मामले में तरूण तेजपाल की ही पहली गिरफ्तारी हुई थी। 2684 पेज की चार्जशीट में गोवा पुलिस ने यह दावा किया है कि तरूण तेजपाल के मामले में उसके पास पुख्ता सबूत हैं कि उन्होंने लिफ्ट में महिला सहयोगी के साथ रेप किया था।

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