बहराइच दरगाह शरीफ समिति ने वार्षिक सैयद सालार मेले की अनुमति न दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
Amir Ahmad
7 May 2025 4:09 PM IST

बहराइच के दरगाह शरीफ की प्रबंधन समिति और चार अन्य उत्तर प्रदेश निवासियों ने पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर कानून और व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी दरगाह में वार्षिक 'जेठ मेले' की अनुमति न दिए जाने के जिला प्रशासन के हालिया फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जिला प्रशासन के फैसले को चुनौती देते हुए वकील एल.पी. मिश्रा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि अधिकारी कुछ चुनिंदा लोगों को खुश करने के उद्देश्य से राजनीतिक रूप से प्रेरित आधार पर पारंपरिक वार्षिक जेठ मेला, 2025 के आयोजन में बाधा डाल रहे हैं, जो न तो उचित है न ही न्यायसंगत।
याचिका में कहा गया,
"फरवरी में आयोजित होने वाला वार्षिक बसंत मेला और उर्स, उसके बाद हर साल मई/जून में आयोजित होने वाला वार्षिक जेठ मेला, बहराइच की दरगाह शरीफ की पुरानी स्थापित रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार होता है। इन आयोजनों से लाखों जायरीन/श्रद्धालुओं की आस्था और भावनाएं जुड़ी हुई हैं। श्रद्धालुओं के प्रार्थना और प्रसाद चढ़ाने के लिए आने के पारंपरिक अधिकार को जिला प्रशासन द्वारा तुच्छ आधारों की आड़ में बाधित नहीं किया जा सकता।"
याचिका में यह भी कहा गया कि दरगाह में वार्षिक बसंत मेला और जेठ मेला 1987 से राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त आयोजन हैं और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से गहराई से जुड़े हुए हैं। इस प्रकार, जिला प्रशासन द्वारा इस तरह के पारंपरिक आयोजन को अस्वीकार करने या बाधित करने का प्रयास मनमाना और अनुचित है।
मेले के लिए अनुमति देने से इनकार करने वाले पत्र के साथ संलग्न रिपोर्ट का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया कि देश भर से उद्धृत घटनाओं को जानबूझकर अराजकता की भावना पैदा करने और पारंपरिक वार्षिक जेठ मेले के आयोजन को रोकने के लिए शामिल किया गया।
याचिका में यह भी कहा गया कि उक्त रिपोर्ट जानबूझकर मेले के आयोजन में बाधा उत्पन्न करने के लिए प्राप्त की गई तथा विवादित आदेश में शामिल सभी अधिकारियों की रिपोर्ट रूढ़ीवादी तथा वास्तविकता से अलग है। यदि रिपोर्ट सत्य भी हो तो भी कानून-व्यवस्था बनाए रखना तथा राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त इस लंबे समय से चले आ रहे मेले के संचालन में सहयोग करना जिला प्रशासन का कर्तव्य है।
इसके विपरीत याचिका में कहा गया कि मार्च-अप्रैल 2025 में समीपवर्ती बलरामपुर जिले में आयोजित पारंपरिक देवी पाटन मेले का आयोजन जिला प्रशासन के पूर्ण सहयोग से तुलसीपुर स्थित मंदिर प्रबंधन द्वारा सफलतापूर्वक किया गया था। मेले में लाखों श्रद्धालुओं ने शांतिपूर्वक भाग लिया तथा यहां तक कि माननीय मुख्यमंत्री ने भी मेले के दौरान मंदिर का दौरा किया।
याचिका में तर्क दिया गया,
“यदि, तुलसीपुर, जिला बलरामपुर में देवी पाटन मेला शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किया जा सकता है…देश में घटित तमाम घटनाओं के बावजूद, जिसका विवरण उक्त पत्र/आदेश में दिया गया तो विपक्षी पक्ष संख्या 2 द्वारा उक्त पत्र/आदेश जारी करके दरगाह शरीफ बहराइच के पारंपरिक वार्षिक जेठ मेले में बाधा उत्पन्न करने का कोई औचित्य नहीं है।”
इस पृष्ठभूमि में याचिका में प्रार्थना की गई कि मेले के लिए अनुमति देने से इनकार करने वाले जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के पत्र को रद्द किया जाए और स्थानीय प्रशासन को वार्षिक जेठ मेला-2025 की तैयारी और आयोजन में सहयोग और समन्वय करने का निर्देश दिया जाए।
वर्तमान में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका लंबित है, जिसमें कानून और व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी दरगाह में वार्षिक 'जेठ मेले' के लिए अनुमति देने से इनकार करने के जिला प्रशासन के हालिया फैसले को चुनौती दी गई।

