CJI बीआर गवई पर हमला करने वाले वकील की SCBA सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त

Amir Ahmad

9 Oct 2025 12:50 PM IST

  • CJI बीआर गवई पर हमला करने वाले वकील की SCBA सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त

    सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने एडवोकेट राकेश किशोर की अस्थायी सदस्यता को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है।

    राकेश किशोर ने 6 अक्टूबर को अदालत की कार्यवाही के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया था।

    SCBA की कार्यकारिणी समिति ने सर्वसम्मति से यह फैसला लेते हुए प्रस्ताव पारित किया, जिसमें वकील के इस गंभीर कदाचार का संज्ञान लिया गया।

    प्रस्ताव में कहा गया,

    "ऐसा निंदनीय, अव्यवस्थित और असभ्य व्यवहार अदालत के एक अधिकारी के लिए पूरी तरह से अशोभनीय है। यह व्यावसायिक नैतिकता, शिष्टाचार, और भारत के सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का गंभीर उल्लंघन है।"

    SCBA ने माना कि यह कृत्य न्यायिक स्वतंत्रता कोर्टरूम की पवित्रता और बार तथा पीठ के बीच आपसी सम्मान और विश्वास के लंबे समय से चले आ रहे संबंध पर सीधा हमला है।

    समिति का विचार है कि राकेश किशोर को SCBA के एक अस्थायी सदस्य के रूप में जारी रखना एसोसिएशन की अपेक्षित गरिमा और अनुशासन के बिल्कुल विपरीत होगा।

    सदस्यता समाप्ति का आधिकारिक प्रस्ताव

    SCBA द्वारा जारी प्रस्ताव में कहा गया,

    "एतद्द्वारा यह प्रस्ताव लिया जाता है कि वकील श्री राकेश किशोर की सदस्यता, जो 27.07.2011 से अस्थायी सदस्य संख्या K-01029/RES है, को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है और उनका नाम एसोसिएशन के रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा।"

    इसके अलावा उनके SCBA सदस्यता कार्ड को भी तत्काल प्रभाव से रद्द और जब्त कर दिया गया। भारत के सुप्रीम कोर्ट जनरल सेक्रेटरी को उनका प्रॉक्सिमिटी एक्सेस कार्ड तुरंत रद्द करने का अनुरोध भेजा गया।

    घटना और व्यापक प्रतिक्रिया

    गौरतलब है कि 6 अक्टूबर की सुबह वकील राकेश किशोर ने अदालत में नारा लगाते हुए एक वस्तु फेंकने का प्रयास किया था, जिसके बाद उन्हें सुरक्षाकर्मियों द्वारा बाहर निकाल दिया गया।

    उपस्थित वकीलों के अनुसार, हटाए जाते समय व्यक्ति ने नारा लगाया, "सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।"

    उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया लेकिन सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा उनके खिलाफ़ कोई आपराधिक कार्रवाई शुरू करने से इनकार करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

    'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने उनके पास से एक सफेद कागज का नोट बरामद किया जिस पर लिखा,

    "मेरा संदेश हर सनातनी के लिए है। सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।"

    बताया गया कि किशोर खजुराहो के एक मंदिर में भगवान विष्णु की जीर्ण-शीर्ण मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग वाली याचिका खारिज करते समय CJI गवई द्वारा की गई टिप्पणियों से नाखुश थे।

    CJI ने बाद में स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी ASI के क्षेत्राधिकार के संदर्भ में थी और उन्होंने सभी धर्मों के प्रति सम्मान व्यक्त किया था।

    SCBA और SCOARA दोनों ने इस कृत्य की निंदा करते हुए बयान जारी किए और CJI के कार्यालय को कलंकित करने के लिए अवमानना कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया है।

    इसके अलावा, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली बार काउंसिल के साथ पंजीकृत इस वकील को तत्काल प्रभाव से प्रैक्टिस करने से निलंबित करने का अंतरिम आदेश जारी किया।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कई अन्य राजनेताओं ने भी CJI पर हुए इस हमले की निंदा की।

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