'यह एयरलाइंस चलाने का सही तरीका नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट के पब्लिकेशन ऑर्डर पर रोक लगाई
LiveLaw News Network
28 Jan 2022 12:30 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट लिमिटेड के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट द्वारा पारित पब्लिकेशन ऑर्डर पर रोक लगा दी।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अगुवाई वाली एक पीठ ने स्पाइसजेट के खिलाफ कुछ आलोचनात्मक टिप्पणी भी की।
स्पाइसजेट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने यह कहते हुए तीन सप्ताह का समय मांगा कि वे स्विट्जरलैंड स्थित स्टॉक कॉरपोरेशन क्रेडिट सुइस एजी के साथ काम कर रहे हैं, जिनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया था।
लेनदार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन ने पीठ से कहा,
"वे कह रहे हैं कि वे एक गंभीर पेशकश करना चाहते हैं। उनके पास तीन सप्ताह का समय हो सकता है। अब जो पेशकश की जा रही है वह बताने लायक भी नहीं है।"
सीजेआई ने इस पर पूछा,
"मिस्टर साल्वे, यह क्या है?"
सीजेआई रमाना ने साल्वे से कहा,
"मिस्टर साल्वे आप शो को चलाना या बंद करना चाहते हैं? बेहतर है कि आप अपनी वित्तीय स्थिति क्यों नहीं बताते? इस तरह से आप अपनी एयरलाइंस नहीं चला सकते। आपका योगदान क्या है? यह एक गंभीर मामला है, अगर वे (स्पाइसजेट) ) एयरलाइंस नहीं चलाना चाहते हम उसे दिवालिया घोषित करेंगे और परिसमापन के लिए जाएंगे।"
जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने भी निम्नलिखित आदेश पारित किया:
"याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील ने मामले को सुलझाने के लिए समय मांगा। विश्वनाथन स्थगन के लिए सहमत हैं। तीन सप्ताह के लिए स्थगित पब्लिकेशन ऑर्डर तीन सप्ताह के लिए रुका।"
सात दिसंबर, 2021 को मद्रास हाईकोर्ट की एकल पीठ ने क्रेडिट सुइस एजी, स्विट्जरलैंड स्थित स्टॉक कॉरपोरेशन और एक लेनदार द्वारा दायर एक कंपनी याचिका पर स्पाइसजेट लिमिटेड को बंद करने का आदेश दिया। इसने कंपनी की ओर से प्रतिवादी एयरलाइंस पूर्व के लिए बकाया ऋण का भुगतान करने के लिए अक्षमता का आरोप लगाया था।
जस्टिस आर. सुब्रमण्यम की एकल पीठ ने आधिकारिक परिसमापक को कंपनी की संपत्ति का अधिग्रहण करने का निर्देश दिया। हालांकि इस आदेश को दो हफ्ते के लिए टाल दिया गया।
बाद में स्पाइसजेट ने डिवीजन बेंच में अपील की। 11 जनवरी को जस्टिस सती कुमार सुकुमार कुरुप और जस्टिस परेश उपाध्याय की खंडपीठ ने स्पाइसजेट की अपील खारिज कर दी थी। डिवीजन बेंच ने भी आदेश को 28 जनवरी तक के लिए टाल दिया।
25 जनवरी को वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सीजेआई के समक्ष स्पाइसजेट द्वारा तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए दायर विशेष अनुमति याचिका का उल्लेख किया था। इसी के तहत शुक्रवार को मामले को सूचीबद्ध किया गया।
केस शीर्षक: स्पाइसजेट बनाम क्रेडिट सुइस एजी