जस्टिस काटजू ने कहा- आँख मारने वाली महिला वकील के अनुकूल देते थे फैसला, वकील संघ ने की बिना शर्त माफ़ी की मांग
Amir Ahmad
22 Aug 2025 4:04 PM IST

सुप्रीम कोर्ट महिला वकील संघ (SCWLA) ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू की महिलाओं पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की कड़े शब्दों में निंदा की। जस्टिस काटजू ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि जो महिला वकील उन्हें कोर्ट में आंख मारती थीं, वह उनके अनुकूल फैसले देते थे।
SCWLA ने अपने पत्र में कहा कि यह टिप्पणी न केवल अपमानजनक है बल्कि महिला वकीलों की गरिमा, विश्वसनीयता, योग्यता, ईमानदारी और पेशेवर पहचान पर सीधा हमला है।
संघ ने कहा,
“यह गहरी चिंता का विषय है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज, जिन पर कभी संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी थी, महिलाओं की कड़ी मेहनत और योग्यता को इस तरह के लापरवाह लैंगिक भेदभाव वाले बयान से कमतर आंक रहे हैं। उनके ऐसे शब्द न केवल महिला वकीलों का अपमान करते हैं बल्कि न्यायपालिका की निष्पक्षता में जनता का विश्वास भी कमजोर करते हैं। ऐसे बयान लोकतांत्रिक समाज में किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं हो सकते।”
SCWLA ने जस्टिस काटजू से बिना शर्त सार्वजनिक माफ़ी की मांग की और कानूनी समुदाय से आग्रह किया कि ऐसे पिछड़े और भेदभावपूर्ण रवैये को सख्ती से खारिज किया जाए, जो लैंगिक समानता और न्यायपालिका की गरिमा को कमजोर करते हैं।
संघ ने यह भी कहा कि संवैधानिक पदों पर रहे लोगों के शब्दों का विशेष महत्व होता है। उन्हें न्यायपालिका की गरिमा और समानता के मूल्यों को बनाए रखने की निरंतर जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
पत्र में महिला वकीलों को संबोधित करते हुए कहा गया,
“इन टिप्पणियों से आपका आत्मविश्वास कभी नहीं डगमगाना चाहिए। हम चुप नहीं रहेंगे, न अपमानित होंगे और न ही हमें पुराने लैंगिक भेदभाव के नजरिए से परिभाषित किया जा सकता है। हमारी पहचान हमारी बुद्धिमत्ता, ईमानदारी और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता से तय होती है।”
संघ ने दोहराया कि वह समानता, सम्मान और न्याय के मूल्यों की रक्षा के अपने संकल्प पर अडिग है। भविष्य में भी ऐसे विचारों का डटकर विरोध करेगा।

