अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करने वाले एडवोकेट को समन जारी करना एडवोकेट के कद को प्रभावित करता है: मद्रास हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

2 May 2022 6:02 AM GMT

  • मद्रास हाईकोर्ट

    मद्रास हाईकोर्ट

    मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) के न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने सीआरपीसी की धारा 91 और 160 के तहत एक पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को समन भेजने वाले पुलिस अधिकारियों के रवैये और लापरवाही को गंभीरता से लिया है।

    अदालत ने कहा कि यह आदेश बिना सोचे-समझे दिया गया और इस तरह का समन जारी करना एक वकील के कद को प्रभावित करता है।

    अदालत ने इस तरह के रवैये और लापरवाही को गंभीरता से लिया जिस तरह से पुलिस ने याचिकाकर्ता के वकील को समन भेजा था।

    ए शंकर द्वारा इस आधार पर अवमानना याचिका दायर की गई थी कि प्रतिवादी ने अदालत के आदेश दिनांक 18.01.2019 का पालन नहीं किया था, जिसमें प्रतिवादी को याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। याचिकाकर्ता ने इतिहास पत्र से अपना नाम हटाने के लिए अभ्यावेदन दिया था।

    अदालत ने उपरोक्त निर्देश सबरी बनाम सहायक पुलिस आयुक्त, मदुरै शहर और अन्य (2018) के फैसले में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप बनाया था।

    याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि उसने प्रतिवादी को अवमानना के लिए कानूनी नोटिस भेजा है और कानूनी नोटिस प्राप्त होने पर, याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील और खुद याचिकाकर्ता को एक समन जारी किया गया है।

    अदालत ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता को समन भेजने में प्रतिवादी का कृत्य उचित नहीं है क्योंकि यह बार-बार माना गया है कि सीआरपीसी की धारा 154 के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ही जांच के दौरान समन जारी किया जा सकता है।

    अदालत ने देखा किप्रतिवादी पुलिस को समन जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं थी और ऐसा करना स्वयं न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ जाता है।

    सरकारी अधिवक्ता (आपराधिक पक्ष) ने प्रस्तुत किया कि प्रतिवादियों को समन वापस लेने और अपने द्वारा की गई गलती के लिए खेद व्यक्त करते हुए व्यक्तिगत रूप से लिखित पत्र भेजने का निर्देश दिया जाएगा।

    अदालत ने इस सबमिशन पर ध्यान दिया और प्रतिवादी को अगली पोस्टिंग पर अदालत के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

    अनुपालन रिपोर्ट करने के लिए मामला 6 जून 2022 को पोस्ट किया गया है।

    केस का शीर्षक: ए. शंकर बनाम वी. कुमार एंड अन्य

    मामला संख्या: याचिका 818 ऑफ 2022

    फैसला पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:




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