वित्तीय संकट का सामना कर रहे अधिवक्ता और अधिवक्ताओं के क्लर्कों के लिए कर्नाटक सरकार 5 करोड़ रुपये की राशि जारी करेगी

LiveLaw News Network

14 July 2020 9:38 AM GMT

  • वित्तीय संकट का सामना कर रहे अधिवक्ता और अधिवक्ताओं के क्लर्कों के लिए कर्नाटक सरकार 5 करोड़ रुपये की राशि जारी करेगी

    कर्नाटक राज्य सरकार ने COVID 19 के कारण अदालत बंद होने से वित्तीय संकट झेल रहे अधिवक्ताओं और अधिवक्ताओं के क्लर्कों के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का निर्णय लिया है। कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष यह बताया।

    मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति एम नागाप्रसन्ना की पीठ को सरकारी प्लीडर को सूचित किया कि सरकारी आदेश एक सप्ताह के भीतर जारी किया जाएगा और यह राशि कर्नाटक राज्य बार काउंसिल के पक्ष में वितरित की जाएगी।

    पीठ ने हस्तक्षेपकर्ता, अधिवक्ता लिपिक संघ (धारवाड़) को भी निर्देश दिया है कि वह धारवाड़ में अधिवक्ता संघ उच्च न्यायालय की पीठ को और हुबली में जिला बार संघ को एक अभ्यावेदन प्रस्तुत करे। प्रतिनिधित्व में अधिवक्ताओं क्लर्कों की सूची शामिल होगी जो वित्तीय संकट में हैं और उन्हें सहायता की जरूरत है। ताकि एसोसिएशन उनके मामलों पर विचार कर सके।

    हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता शिवराज बलोली ने तर्क दिया कि धारवाड़ में 81 और हुबली में अदालत में 24 पंजीकृत एवोकेट क्लर्क हैं, जिनका कोई संघ नहीं है। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि हस्तक्षेप आवेदन बार एसोसिएशन को दिया गया है लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।

    अधिवक्ता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, अधिवक्ता सी एस पाटिल अदालत के सामने पेश हुए लेकिन तकनीकी खामी के कारण उनकी आवाज़ आ रही थी। अदालत ने इस मामले को 21 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।

    पीठ ने कहा कि

    "हम उम्मीद करते हैं कि धरवाड़ पीठ में बार एसोसिएशन कोई फैसला लेगी।"

    इस बीच, एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ बेंगलुरु की ओर से पेश हुए एडवोकेट अनिल कुमार ने कोर्ट को सूचित किया कि 204 पंजीकृत एडवोकेट क्लर्कों को 5,000 रुपये (प्रति क्लर्क) की राशि मिली है और एसोसिएशन द्वारा गठित समिति को 28 और आवेदन प्राप्त हुए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता डीएलएन राव की अध्यक्षता वाली समिति आवेदनों की जांच करेगी और तदनुसार राशि का वितरण करेगी।

    अधिवक्ता क्लर्क एसोसिएशन के अधिवक्ता मूर्ति डी नाइक ने अदालत से गुहार लगाई थी कि वे राज्य सरकार से अदालतों के सामान्य कामकाज शुरू होने तक प्रत्येक सदस्य के लिए 10,000 रुपये की राशि जारी करने के लिए निर्देश जारी करें।

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