CJI गवई का अपमान करने और दलितों की भावनाएं आहत करने पर सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ महाराष्ट्र में FIR दर्ज

Amir Ahmad

9 Oct 2025 12:54 PM IST

  • CJI गवई का अपमान करने और दलितों की भावनाएं आहत करने पर सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ महाराष्ट्र में FIR दर्ज

    महाराष्ट्र के नवीन पनवेल पुलिस स्टेशन में एक वकील ने सोशल मीडिया उपयोगकर्ता के खिलाफ़ FIR दर्ज कराई, जिसने कथित तौर पर भारत के चीफ जस्टिस (CJI) भूषण गवई का एक 'आपत्तिजनक' वीडियो बनाकर 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया।

    नवी मुंबई के न्यू पनवेल पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के अनुसार, सोशल मीडिया यूजर किक्की सिंह ने एक वीडियो बनाया, जिसमें CJI गवई को गले में मटका (मिट्टी का बर्तन) चेहरे पर नीला रंग लगा हुआ दिखाया गया और एक अज्ञात व्यक्ति उनके चेहरे पर जूतों से मारता हुआ दिख रहा है।

    FIR के अनुसार यह वीडियो यह सुझाव देने का प्रयास करता है कि कोई भी अनुसूचित जाति का व्यक्ति, चाहे उसने कितना भी ऊंचा पद क्यों न प्राप्त कर लिया हो, अपनी जाति के आधार पर उसी तरह के व्यवहार का हकदार है जैसा इतिहास में अछूतों के साथ किया जाता था।

    FIR में आगे आरोप लगाया गया कि किक्की सिंह ने अपने कुछ परिचितों के साथ मिलकर CJI गवई और अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के खिलाफ़ नफरत पैदा करने की साज़िश रची है, क्योंकि वह पहले दलित CJI हैं।

    शिकायतकर्ता कटर्नावरे ने कहा कि CJI गवई ने किसी भी तरह से हिंदुओं या सनातन धर्म की आलोचना या अपमान नहीं किया है। इस प्रकार जो नैरेटिव (कहानी) गढ़ा जा रहा है, उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ऐसी ही एक घटना हाल ही में हुई थी जब एक अधिवक्ता ने CJI पर जूता फेंका था।

    एडवोकेट कटर्नावरे ने कहा,

    "सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने उक्त एडवोकेट के खिलाफ़ कार्रवाई न करने का फैसला किया लेकिन CJI गवई की मां और बहन ने बयान जारी किया कि यह भारत के संविधान पर हमला है। इसलिए मैंने इस (वीडियो) घटना के लिए यह FIR दर्ज कराई।"

    उक्त शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 3(5) (सामान्य आशय), 61(2) (आपराधिक षड्यंत्र), 196 (जाति के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), 352 (जानबूझकर अपमान), 353 (दुश्मनी पैदा करने के लिए अफवाहें फैलाना) के तहत FIR दर्ज की है। पुलिस ने अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों को भी लागू किया।

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