महाराष्ट्र में आनंद विवाह अधिनियम लागू करने के लिए सिख जोड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया

Sharafat

28 Sep 2022 1:59 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई

    बॉम्बे हाईकोर्ट

    एक सिख वकील-दंपति ने राज्य में आनंद विवाह अधिनियम को लागू करने के निर्देश के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस जोड़े ने पिछले साल विवाह किया था। उनकी याचिका में आनंद विवाह अधिनियम 1909 के तहत नियम बनाने और कानून के तहत उनके विवाह के रजिस्ट्रेशन की मांग की गई है।

    याचिका में कहा गया है कि दिल्ली, पंजाब, केरल, असम और राजस्थान सहित कम से कम 10 राज्यों ने इस अधिनियम को लागू किया है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक इसके लिए नियम नहीं बनाए हैं।

    एडवोकेट अमृतपाल सिंह खालसा द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, "महाराष्ट्र में सिख, आनंद विवाह अधिनियम के तहत अपने विवाह के रजिस्ट्रेशन के लिए एक अलग कानून होने के बावजूद हिंदू विवाह अधिनियम के तहत शादी को रजिस्टर्ड करने के लिए मजबूर हैं।"

    आनंद कारज के नाम से जाने जाने वाले सिखों के बीच विवाह समारोह को वैधता और पवित्रता देने के लिए अधिनियम 1909 में अधिनियमित किया गया था। साल 2012 में इस अधिनियम में धारा 6 को शामिल करके इसमें संशोधन किया गया था, जिसके तहत प्रत्येक राज्य को अपने स्वयं के नियम बनाने आवश्यक थे।

    याचिका में कहा गया है कि दस साल बाद महाराष्ट्र राज्य ने अभी तक इस पर नियम नहीं बनाए हैं। याचिका में दलील दी गई कि

    "आनंद विवाह अधिनियम 1909 के तहत महाराष्ट्र राज्य में सिख विवाह का रजिस्ट्रेशन न होना अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करके सिख धर्म को मानने वाले जोड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है और आगे धर्म को मानने और उसकी प्रैक्टिस करने की उनकी स्वतंत्रता का उल्लंघन कर रहा है जो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत संरक्षित है।"

    इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि विवाह का रजिस्ट्रेशन, वैवाहिक संघ बनाना, अपनी एकता व्यक्त करना और गरिमा के साथ रहना अनुच्छेद 19, 21 का एक अभिन्न अंग है।

    याचिका में कहा गया है,

    "भारत के संविधान का अनुच्छेद 29 संस्कृति के संरक्षण का अधिकार प्रदान करता है, हालांकि आनंद विवाह अधिनियम को लागू न करने से याचिकाकर्ता के अपनी संस्कृति के संरक्षण के अधिकार को नुकसान पहुंचता है।"

    खालसा ने बताया कि 24 अक्टूबर 2021 को औरंगाबाद के भाई दया सिंह गुरुद्वारा में आनंद कारज कर उनकी शादी हुई और वह अपनी शादी को एक्ट के तहत रजिस्टर्ड कराना चाहते हैं।

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