असंतुष्ट बार सदस्य और राजनीतिक एजेंडा वाले पूर्व जज कर रहे हैं सुप्रीम कोर्ट पर हमले : बीसीआई आध्यक्ष

LiveLaw News Network

1 Jun 2020 9:56 AM GMT

  • असंतुष्ट बार सदस्य और राजनीतिक एजेंडा वाले पूर्व जज कर रहे हैं सुप्रीम कोर्ट पर हमले : बीसीआई आध्यक्ष

    बार कउंसिल ऑफ़ इंडिया (बीसीआई ) के अध्यक्ष ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट पर एक के बाद लगातार हो रहे हमले इस संस्था को कमज़ोर करने का षड्यंत्र है।

    बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा के हस्ताक्षर से जारी बयान में कहा गया है कि 'असंतुष्ट वरिष्ठ वक़ील' और पूर्व जजों की ओर से सोशल, इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से हमले हो रहे हैं, ताकि न्यायपालिका को बदनाम किया जा सके जबकि वे जानते हैं कि जजों की बाध्यता है कि वे अपने बचाव में कुछ भी नहीं बोल सकते।

    प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार,

    "ये लोग सुप्रीम कोर्ट को नीचा दिखाने के लिए उसके ख़िलाफ़ भद्दी बातों का प्रयोग करने में एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। वे जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जज लक्ष्मण रेखा के भीतर रहने के लिए बाध्य हैं और खद का बचाव नहीं कर सके। इसी वजह से बार इस संस्था को बचाने के लिए सामने आया है।"

    मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी लोकुर ने जो टिप्पणी की है वह शीर्ष अदालत के ख़िलाफ़ 'बेकार की बातें हैं' और उन्होंने न्यायपालिका की अथॉरिटी को नज़रंदाज़ किया है।

    मिश्रा ने विज्ञप्ति में कहा है कि

    "हमने न्यायमूर्ति लोकुर को यह भाषणबाज़ी करते सुना है कि, बेंच और बार के किसी सदस्य को ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे न्यायपालिका में आम लोगों का विश्वास हिल जाए। अब वे खुद इस दिग्भ्रमित लोगों का हिस्सा बन गए हैं और अपने उन सिद्धांतों से हट रहे हैं जिन पर कभी जोर देते थे।"

    कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट पर हमला एक ऐसे समय हो रहा है, जब वह प्रवासी मामले की समस्या से जूझ रहा है जबकि तथाकथित बुद्धिजीवी अदालत को प्रभावित करने के एजेंडा पर काम कर रहे हैं ताकि सरकार को बदनाम किया जा सके।

    विज्ञप्ति में कहा गया है कि लोग अपनी निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए ऐसा कर रहे हैं।

    विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ वरिष्ठ वकीलों ने हाल में जो टिप्पणियां कि हैं कि वह सक्रियता नहीं दिखा रहा है और अनुच्छेद 14 के प्रावधानों को लागू नहीं कर रहा है, उन्हें अनुच्छेद 14 को सावधानी से पढ़ना चाहिए और ऐसा करते हुए प्रावधानों, उपनियमों और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव को निलंबित करने से पहले एसोसिएशन के नियमों पर भी ग़ौर करना चाहिए।

    अध्यक्ष ने कहा कि जनता सब जानती है और जो लोग सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कलुषित, उसका अपमान और उसकी प्रतिष्ठा को कम करना चाहते हैं उन्हें इस तरह का खेल नहीं खेलना चाहिए।

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