हाईकोर्ट परिसर के आसपास ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान संयुक्त बैठक में करें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों-पुलिस अधिकारियों से कहा
Shahadat
26 Sept 2022 2:45 PM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के वकीलों के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों को वाहनों की पार्किंग के साथ-साथ अन्य प्रासंगिक कारकों के कारण हाईकोर्ट परिसर के आसपास यातायात की भीड़ की समस्या को हल करने के लिए संयुक्त बैठक आयोजित करने के लिए कहा।
जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने दोनों पक्षों से मिलने और इस मुद्दे पर चर्चा करने और सर्वसम्मत निर्णय लेने की अपेक्षा की, जो हाईकोर्ट परिसर में वकीलों, वादियों और अन्य लोगों के प्रवेश और बाहर जाने को प्रभावित करने वाले यातायात की समस्या के कारकों को हल कर सकता है।
कोर्ट ने आगे टिप्पणी की,
"कोर्ट इस बात की सराहना करता है कि वकीलों की समस्या को स्वयं वकीलों द्वारा हल किया जाना चाहिए और इसके लिए वे समाधान के लिए एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं।"
अदालत ने यह आदेश ऐसे मामले में जारी किया, जिसमें पिछले सप्ताह प्रयागराज में ट्रैफिक जाम के कारण महिला वकील द्वारा अदालत में सुनवाई के लिए देर से आने के बाद हाईकोर्ट परिसर में और उसके आसपास यातायात की भीड़ के मुद्दे पर ध्यान दिया गया था।
जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने 21 सितंबर को एसपी ट्रैफिक को निर्देश दिया कि वह हाईकोर्ट के आसपास ट्रैफिक और पार्किंग फ्री इनग्रेस और आउटग्रेस के प्रबंधन के लिए उपयुक्त योजना के साथ आएं।
अब 23 सितंबर को एसपी ट्रैफिक व कोर्ट के वकीलों ने समस्या से निपटने के लिए अपने सुझाव व प्रस्तावित योजना पेश की। इस तरह के सुझाए गए उपायों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों को इस मुद्दे को हल करने के लिए बैठक बुलाने के लिए कहा।
कोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर, 2022 के लिए पोस्ट किया।
न्यायालय तैय्याबा बेगम के मामले पर सुनवाई रहा था, जिसने अपने पति से भरण-पोषण की मांग करते हुए दायर मामले की कार्यवाही में तेजी लाने के लिए निचली अदालत को निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था।
अब बुधवार को उनकी वकील सहर नक़वी को हाईकोर्ट के आसपास बेतरतीब ढंग से खड़ी गाड़ियों के कोप का सामना करना पड़ा। इस वजह से उन्हें हाईकोर्ट के गेट से करीब एक किमी दूर अपनी कार पार्क करनी पड़ी और उन्हें भागकर आना पड़ा, जिससे वह शाम 4 बजे से पहले कोर्ट पहुंच सकें। ताकि अभियोजन के अभाव में उसका मामला खारिज न हो।
जब वह अदालत पहुंची तो उन्होंने बताया कि सड़क पर कुछ पुलिस कर्मी मौजूद थे, जो वाहनों के जाम और पार्किंग का प्रबंधन करने में असमर्थ थे, जिसके कारण वह अदालत की सुनवाई के लिए देर से उपस्थित हुईं।
दूसरी ओर, सीनियर एडवोकेट अमरेंद्र नाथ सिंह ने भी उनकी दुर्दशा को प्रतिध्वनित किया और अदालत से इस संबंध में उचित निर्देश पारित करने का अनुरोध किया।
केस टाइटल- तैय्यबा बेगम बनाम यू.पी. राज्य और दूसरा [आवेदन U/S 482 नंबर- 10104/2022]
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