परिवार की मर्जी के खिलाफ कपल द्वारा शादी करने पर उनको धमकी देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें, सख्त कार्रवाई करें: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिए

LiveLaw News Network

22 Nov 2021 4:05 AM GMT

  • परिवार की मर्जी के खिलाफ कपल द्वारा शादी करने पर उनको धमकी देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें, सख्त कार्रवाई करें: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिए

    उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह उत्तराखंड राज्य के पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि यदि किसी पुलिस अधिकारी को किसी युवा जोड़े को इस तरह की धमकी देने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है, या जो लोग शादी करना चाहते हैं, उनके खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और युवा जोड़े को धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

    मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने राज्य के डीजीपी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस संबंध में जारी एक परिपत्र का पालन किया जाए और दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा जाए।

    कोर्ट ने कहा कि वयस्कों को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि परिवार के सदस्यों द्वारा किसी भी तरह का दबाव की डालने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

    गौरतलब है कि कोर्ट ने पाया कि यह उन लोगों द्वारा दायर की जा रही कई आपराधिक याचिकाओं से भरा हुआ है, जो या तो शादी करने का इरादा रखते हैं या शादी कर चुके हैं।

    ऐसे कई मामलों में कोर्ट ने देखा कि जो लोग अंतर्जातीय और अंतर्जातीय विवाह या परिवार की इच्छा के विरुद्ध विवाह करते हैं, ऐसे व्यक्तियों को या तो परिवार के सदस्यों द्वारा या असामाजिक तत्वों द्वारा धमकाया जा रहा है।

    अदालत ने इस पृष्ठभूमि के खिलाफ पहले पुलिस महानिदेशक को सख्त निर्देश देते हुए पुलिस बल को एक सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया कि यदि किसी पुलिस अधिकारी को किसी युवा जोड़े को इस तरह की धमकी देने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है, या जो लोग शादी करना चाहते हैं, उनके खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और युवा जोड़े को धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

    पुलिस महानिदेशक ने न्यायालय को सूचित किया कि इस तरह का एक परिपत्र जारी किया गया है। हालांकि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि मामले न्यायालय के समक्ष आते रहते हैं, उन्होंने इस न्यायालय को आश्वासन दिया कि पुलिस बल द्वारा उक्त परिपत्र का कड़ाई से पालन किया जाएगा।

    अनिवार्य रूप से न्यायालय एक ऐसे मामले से निपट रहा था, जिसमें पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक शिकायत की गई थी। हालांकि, इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई और इसलिए शिकायतकर्ता उच्च न्यायालय में चला गया।

    यद्यपि उसकी दूसरी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस द्वारा नामित व्यक्तियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को संबंधित एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा।

    कोर्ट के समक्ष पेश होते हुए डीजीपी ने कोर्ट को बताया कि संबंधित एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

    इसके अलावा, राज्य के लिए उपस्थित उप महाधिवक्ता ने न्यायालय को सूचित किया कि शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है।

    केस का शीर्षक - स्वालेहा हुसैन बनाम उत्तराखंड राज्य एंड अन्य

    आदेश की कॉपी डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:



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