रामनवमी हिंसा: विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एनआईए और सीबीआई जांच, केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया

Sharafat

31 March 2023 6:09 PM IST

  • रामनवमी हिंसा: विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एनआईए और सीबीआई जांच, केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया

    पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने रामनवमी के जुलूस के दौरान राज्य में हुई हिंसा की घटनाओं की जांच एनआईए और सीबीआई से कराने की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) के साथ कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया ।

    अधिकारी की याचिका में राज्य के हिंसा प्रभावित जिलों (हावड़ा और उत्तर दिनाजपुर) में केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती की भी मांग की गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। सोमवार, 3 अप्रैल को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए याचिका आने की संभावना है।

    याचिका में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल राज्य में प्रचलित चलन के अनुसार, इस वर्ष भी, रामनवमी समारोह राम के शांतिपूर्ण प्रतिभागियों पर असामाजिक तत्वों द्वारा हावड़ा और दालखोला (उत्तर दिनाजपुर जिले का एक शहर) में नवमी जुलूस हिंसा से प्रभावित हुआ।।

    याचिका में कहा गया है कि 30 मार्च को जब हावड़ा काजीपारा से हावड़ा मैदान तक शांतिपूर्ण ढंग से चल रही रामनवमी की शोभा यात्रा चरा और पीएम बस्टी के पास पहुंची तो असामाजिक तत्वों के कहने पर युद्ध छिड़ गया, जिन्होंने उक्त शोभा यात्रा आयोजित करने के लिए आयोजकों को दी गई पुलिस अनुमति के बावजूद, जुलूस पर पूर्व नियोजित तरीके से हमला किया।

    याचिका में कहा गया कि " यद्यपि असामाजिक तत्वों द्वारा रामनवमी के जुलूसों पर हर साल होने वाले हमले नियमित रूप से होते हैं, लेकिन इस साल हुए हमलों ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं। शोभा यात्रा में शामिल लोगों की मौजूदगी में छतों से जमकर पथराव शुरू पुलिस की और इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह क्षेत्र के स्थानीय असामाजिक तत्वों द्वारा रैली पर एक पूर्व नियोजित संगठित हमला था।"

    याचिका में आगे कहा गया है कि पुलिस असामाजिक तत्वों द्वारा की गई हिंसा के लिए मूक दर्शक बनी रही, जिन्होंने पथराव किया और पेट्रोल और शराब बम फेंके, जिससे शोभा यात्रा में शामिल लोगों को चोटें आईं।

    हमले को राज्य प्रायोजित बताते हुए याचिका में कहा गया है कि बंगाल राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई है और राज्य सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा करने में विफल रही है।

    याचिका में कहा गया है कि इस पूर्व नियोजित हमले का मकसद हिंदुओं को उनके त्योहार मनाने से रोकना था और हिंसा की घटनाएं एक बड़ी साजिश का संकेत देती हैं।

    अधिकारी की जनहित याचिका में प्रार्थना की गई है कि सीबीआई के हाथों बड़ी साजिश की निष्पक्ष जांच की जाए ताकि इस तरह के हमलों के पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगाया जा सके। यह आगे प्रस्तुत किया गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 के शासनादेश के अनुसार, चूंकि गैरकानूनी गतिविधियां की गई हैं, इसलिए जांच एनआईए द्वारा की जानी आवश्यक है।

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