राजगढ़ मंदिर विध्वंस: राजस्थान हाईकोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की अंतरिम सुरक्षा बढ़ाई, 4 सप्ताह के भीतर राज्य का जवाब मांगा
Brij Nandan
26 May 2022 7:16 AM GMT
राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने राजगढ़ में कथित मंदिर विध्वंस के संबंध में 'रिपब्लिक भारत (Republic Bharat)' पर कुछ समाचार प्रसारित करने के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी में न्यूज एंकर अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है।
अदालत ने लोक अभियोजक को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।
भारतीय दंड संहिता की धारा 153A, 295A, 120B, 499, 501, 504 और 505 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, एनएसए एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं के तहत अर्नब गोस्वामी के साथ-साथ 'रिपब्लिक भारत' न्यूज के अन्य व्यक्तियों के खिलाफ अंबामाता पुलिस स्टेशन, उदयपुर में 17.05.2022 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
राजस्थान में मंदिर के विध्वंस के संबंध में रिपब्लिक भारत द्वारा की गई समाचार रिपोर्टिंग के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा की शिकायत पर दर्ज की गई थी। इस संबंध में अर्नब गोस्वामी ने उक्त प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
जस्टिस दिनेश मेहता ने कहा,
"लोक अभियोजक ने प्रार्थना की और जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। इस मामले को 05.07.2022 को सूचीबद्ध करें। तब तक, इस न्यायालय द्वारा 20.05.2022 को पारित अंतरिम आदेश जारी रहेगा।"
20.05.2022 को मामले का उल्लेख सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी द्वारा पीठ के समक्ष किया गया।
जस्टिस दिनेश मेहता ने देखा,
"मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और प्राथमिकी में लगाए गए सर्वव्यापी आरोपों को राज्य सरकार को स्थापित करने के प्रयास से संबंधित मानते हुए, इस न्यायालय का विचार है कि याचिकाकर्ता से तत्काल पूछताछ करना आवश्यक नहीं है, विशेष रूप से तब जब लिखित सूचना में न तो कार्यक्रम का विवरण और न ही किसी विशिष्ट घटना का उल्लेख किया गया हो।"
अदालत ने आदेश दिया था कि सुनवाई की अगली तारीख तक जांच अधिकारी विचाराधीन प्राथमिकी को आगे नहीं बढ़ाएंगे और न ही वह याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करेंगे।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने प्रस्तुत किया था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ 17.05.2022 को दर्ज की गई प्राथमिकी राजनीति से प्रेरित है और इसे याचिकाकर्ता को परेशान करने के लिए दर्ज किया गया है, जो एक प्रतिष्ठित टीवी एंकर हैं और शिकायतकर्ता द्वारा राजनीतिक दबदबा पाने के लिए दर्ज किया गया है, जो खुद को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का प्रवक्ता होने का दावा करता है।
उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता को आशंका है कि यदि इस कोर्ट द्वारा तत्काल हस्तक्षेप नहीं किया जाता है, तो पुलिस किसी भी समय याचिकाकर्ता को गिरफ्तार कर सकती है।
याचिकाकर्ता के लिए वकील: महेश जेठमलानी, सीनियर एडवोकेट, वीसी के माध्यम से, मुक्तेश माहेश्वरी, एडन चौधरी, मालविका त्रिवेदी, सीनियर एडवोकेट, वीसी के माध्यम से रवि शर्मा, साकेत शुक्ला
प्रतिवादी के लिए वकील: एडवोकेट अनिल जोशी, पीपी करण शर्मा
केस टाइटल: अर्नब गोस्वामी बनाम राजस्थान राज्य
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