परेश रावल की 'द ताज स्टोरी' फ़िल्म पर संकट: हाईकोर्ट में CBFC सर्टिफिकेशन को चुनौती
Amir Ahmad
28 Oct 2025 8:18 PM IST

ताजमहल के इतिहास पर आधारित आगामी फिल्म 'द ताज स्टोरी' की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 31 अक्टूबर को रिलीज होने जा रही इस फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) द्वारा दिए गए प्रमाणन को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई।
वकील शकील अब्बास द्वारा दायर इस याचिका में फिल्म पर ऐतिहासिक तथ्यों को गढ़ने और सांप्रदायिक दुष्प्रचार फैलाने का गंभीर आरोप लगाया गया। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि इस फिल्म में देश के विभिन्न समुदायों के बीच सांप्रदायिक अशांति फैलाने की क्षमता है।
याचिका में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, CBFC, फिल्म निर्माण कंपनी स्वर्णिम ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, निर्माता सीए सुरेश झा, निर्देशक तुषार अमरीश गोयल, लेखक सौरभ एम. पांडेय, ज़ी म्यूज़िक कंपनी और एक्टर परेश रावल को प्रतिवादी बनाया गया।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रोडक्शन हाउस निर्माता, निर्देशक, लेखक और परेश रावल एक के बाद एक विवादास्पद फिल्में (जैसे 'द कश्मीर फाइल्स' और 'द बंगाल फाइल्स') लाकर विशेष राजनीतिक दल को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। याचिका में कहा गया कि फिल्म का ट्रेलर 16 अक्टूबर 2025 को जारी किया जा चुका है। इतिहास की किसी भी सच्चाई का पालन किए बिना पूरे देश में फिल्म को रिलीज करने की योजना है। इसमें CBFC पर आरोपपूर्ण निष्क्रियता का आरोप लगाया गया, जिसके कारण प्रतिवादी फिल्म के ट्रेलर को सफलतापूर्वक लॉन्च करने में कामयाब रहे।
याचिका में यह भी कहा गया कि केंद्रीय सरकार और CBFC इस फिल्म के कथित हानिकारक प्रभाव के बारे में जानते हुए भी असफल रहे, क्योंकि फिल्म के निर्माता लेखक और एक्टर ताजमहल के बारे में गलत सूचना फैलाकर इतिहास को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। याचिका में कहा गया कि ऐसे गलत सूचना और हेरफेर वाली सामग्री को रोका नहीं जा रहा है और CBFC मूक दर्शक बना हुआ है।
जनहित याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट से CBFC को निर्देश देने की मांग की गई कि वह फिल्म को दिए गए प्रमाणन की समीक्षा करे और सांप्रदायिक सद्भाव तथा ऐतिहासिक अखंडता की रक्षा के लिए फिल्म के कुछ दृश्यों को हटाने या वयस्क प्रमाणन जैसी प्रतिबंधात्मक शर्तें लागू करने की संभावना की जांच करे।
इसके अलावा याचिका में फिल्म के निर्माता या वितरक को सभी प्रचार और क्रेडिट में प्रमुख अस्वीकरण स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने का निर्देश देने की मांग की गई, जिसमें बताया जाए कि फिल्म एक विवादास्पद कथा पर आधारित है और यह निर्धारित ऐतिहासिक विवरण होने का दावा नहीं करती है।
याचिका में अधिकारियों से यह भी अनुरोध किया गया कि वे फिल्म की रिलीज से कोई सांप्रदायिक घटना न हो यह सुनिश्चित करने के लिए निवारक कदम उठाएं खासकर आगरा में ताजमहल के पर्यटन क्षेत्र में।

