जानिए हाईकोर्ट ने जयपुर ब्लास्ट केस के चारों आरोपियों को क्यों किया बरी
Brij Nandan
31 March 2023 11:49 AM IST
तारीख 13 मई, 2008। जगह राजस्थान का जयपुर। सिलिसलेवर 8 ब्लास्ट हुए। 71 लोगों की जानें गईं। 185 लोग घायले हुए। इसी मामले में निचली अदालत ने 4 लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी। अब राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर डिवीजन बेंच ने इन चारों आरोपियों को बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने सभी सबूतों को खारिज करते हुए चारों को बरी करने का आदेश दिया।
जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन की डिवीजन बेंच ने कहा कि कोर्ट में पेश किए गए सबूत ना तो आपस में मेल खा रहे हैं और ना ही सबूतों में एक दूसरे से कोई कड़ी मिलती हुई नजर आ रही है।
अदालत ने मामले में जांच एजेंसी और जांच अधिकारियों पर भी कई सवालिया निशान खड़े किए हैं। अदालत ने कहा- जांच अधिकारी को कानूनी जानकारी नहीं है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
आगे कहा कि ATS के सबूतों से ये साबित नहीं होता कि धमाके वाले दिन चारों आरोपी बस के जरिए दिल्ली से जयपुर आए और बम प्लांट करके शताब्दी एक्सप्रेस से वापस दिल्ली चले गए।
दरअसल, ये सिलसिलेवार 8 बम ब्लास्ट जयपुर के चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर में हुए थे। मंगलवार का दिन था। श्रद्धालुओं की भीड़ जमी थी। मंदिर में बज रही घंटियों की आवाज के बीच जोरदार ब्लास्ट हुआ। अफरा तफरी का माहौल हो गया। लोग इधर उधर भागने लगे। धमाकों में 71 लोगों की जानें चली गईं थी। कई घायल हुए थी। इन धमाकों में टिफिन बम का इस्तेमाल किया गया था, जिन्हें साइकिल पर लगाया गया था।
वापस चलते हैं केस पर। राजस्थान में वंसुधरा की सरकार थी। सरकार ने दोषियों को पकड़ने के लिए एंटी टेररिस्ट स्कवाड बनाया। टीम ने 13 लोगों को आरोपी बनाया। इनमें से 3 आज भी फरार हैं। बचे 10। 10 में से 2 बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए। बचे 8 में से 3 दिल्ली और हैदराबाद की जेलों में बंद हैं। बाकी बचे 5। साल 2019 में निचली अदालत ने 5 में से 4- सैफ, सैफूर्रहमान, सलमान और सरवर आजमी को फांसी की सजा सुनवाई जबकि एक आरोपी शाहबाज को बरी कर दिया था।
सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं। लगातार 48 दिन सुनवाई हुई। लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा। अब हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव के चलते चारों आरोपियों को बरी कर दिया है। साथ ही जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।