जीपीएफ खाता जारी रखने वाले रिटायर हो चुके व्यक्ति के पीएफ से टीडीएस काटने पर दायर याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज किया

LiveLaw News Network

5 Jun 2020 10:19 AM GMT

  • राजस्थान हाईकोर्ट

    राजस्थान हाईकोर्ट 

    रिटायर हो चुके एक व्यक्ति के पीएफ खाते से टीडीएस काटने को लेकर दायर पीआईएल को राजस्थान हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। इस व्यक्ति ने रिटायर हो जाने के बाद भी अपना जीपीएफ खाता चालू रखा था।

    यह पीआईएल क्षितिज शर्मा नामक एक व्यक्ति ने दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि राज्य सरकार ने राजस्थान सेवा नियम, 1951 के नियम 21C और संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए 1997 में न्यू जनरल प्रॉविडेंट फ़ंड्स रूल्ज़ बनाया। इस नियम के तहत खाताधारक अपने ग्रेच्यूटी, पेंशन, लीव इनकैशमेंट आदि से प्राप्त राशि को अपने पीएफ खाते में रख सकते हैं। कर क़ानूनों के माध्यम से रिटायर हो चुके कर्मचारी दुरुपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यह सिर्फ उन लोगों के लिए हैं जो सेवा में हैं।

    1951 के नियम 21C और 1997 के नियम 4 के उपनियम (1) को उद्धृत करते हुए कहा गया है –

    "कोई खाताधारक/राजस्थान कैडर का कोई एआईएस अधिकारी को विभाग में अपना पीएफ खाता किसी भी अवधि तक के लिए जारी रखने का विकल्प होगा जिसमें वह पेंशन, ग्रेच्यूटी, बीमा की राशि, लीव एनकैशमेंट आदि से प्राप्त होने वाली राशि रख सकते हैं…ऐसे अधिकारी जिनके खाते बंद कर दिए गए हैं वे भी अपना खाता दुबारा शुरू कर सकते हैं और इन मदों से प्राप्त राशि इसमें रख सकते हैं। यह सुविधा राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर हो चुके जजों को भी विकल्प के रूप में उपलब्ध होंगे।"

    हाईकोर्ट ने इस बारे में राम नारायण शर्मा बनाम राजस्थान राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का उल्लेख किया। याचिका और उसके तथ्यों और परिस्थितियों पर ग़ौर करने के बाद अदालत ने कहा कि यह मामला संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत नहीं आता है और यह पीआईएल की सीमा में भी नहीं आता।

    न्यायमूर्ति गोवर्धन बरधर और न्यायमूर्ति चंद्र कुमार सोंगरा की पीठ ने कहा, "इस की जनहित याचिका 'पब्लिसिटी इंट्रेस्ट लिटिगेशन'से ज़्यादा और कुछ नहीं है।"

    आदेश की कॉपी डाउनलोड करने के लिए यहांं क्लिक करेंं




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