रेलवे ट्रैक क्रॉसिंग में अपनी लापरवाही से होने वाली यात्री की मौत पर मुआवजा देने के लिए रेलवे जिम्मेदार नहीं: तेलंगाना हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

28 April 2022 9:04 AM GMT

  • रेलवे ट्रैक क्रॉसिंग में अपनी लापरवाही से होने वाली यात्री की मौत पर मुआवजा देने के लिए रेलवे जिम्मेदार नहीं: तेलंगाना हाईकोर्ट

    तेलंगाना हाईकोर्ट ने माना कि रेलवे अधिनियम की धारा 124 ए के तहत रेलवे ट्रैक पार करने में अपनी लापरवाही से होने वाली यात्री की मृत्यु होने पर रेलवे क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं है।

    जस्टिस जी. अनुपमा चक्रवर्ती ने कहा कि मुआवजा तभी दिया जाएगा जब "अप्रिय घटना" का मामला बनता है।

    पीठ ने कहा,

    "मृतक के बेटे के मौखिक साक्ष्य से पता चलता है कि दुर्घटना मृतक द्वारा ट्रैक पार करने की लापरवाही का परिणाम थी। इसलिए, अपीलकर्ता रेलवे से किसी भी मुआवजे के हकदार नहीं हैं।"

    मामले के संक्षिप्त तथ्य

    मामले की सच्चाई यह है कि 06.05.2008 को मृतका अपने परिजनों के साथ हावड़ा-तिरुपति एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुई थी। कंदुकुरु जाने के क्रम में वह प्लेटफार्म से नीचे उतर गई और जब मृतका ने प्लेटफार्म पर चढ़ने का प्रयास किया तो कवाली की ओर से ट्रेन नवजीन एक्सप्रेस बिना सीटी बजाए अचानक आ गई और जब मृतका पीछे की ओर बढ़ी तो साड़ी उलझने के कारण वह चल नहीं सकी। इससे वह नीचे गिर गई और ट्रेन ने उसे टक्कर मार दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसलिए, आवेदकों ने रेलवे से 8,00,000/- रुपये के मुआवजे का दावा किया।

    ट्रिब्यूनल ने मुआवजे की अर्जी खारिज कर दी। रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल, सिकंदराबाद द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर की गई थी। अपीलकर्ता ट्रिब्यूनल के समक्ष दावेदार हैं।

    अपीलकर्ता ने तर्क दिया कि न्यायाधिकरण ने उचित परिप्रेक्ष्य में साक्ष्य की सराहना किए बिना आक्षेपित आदेश पारित किया था।

    रेलवे के सरकारी वकील ने तर्क दिया कि मृतक की मृत्यु ट्रेन के आने के दौरान पटरियों को पार करने की उसकी लापरवाही के कारण हुई थी, इसलिए इसे एक अप्रिय घटना नहीं कहा जा सकता।

    न्यायालय का अवलोकन

    अदालत ने पाया कि मृतक की मौत ट्रेन से दुर्घटनावश गिरने के कारण नहीं हुई थी ताकि इसे एक अप्रिय घटना करार दिया जा सके। मृतक के बेटे ने जिरह में भी स्वीकार किया कि घटना उसकी मां की लापरवाही के कारण हुई है। इसके अलावा, मृतक ने रेलवे स्टेशन में फुट-ओवर ब्रिज का उपयोग नहीं किया। इसके बजाय रेलवे ट्रैक को पार किया जो कि आपराधिक अतिचार होगा। इसके अलावा, अपीलकर्ता द्वारा इस बात का कोई सबूत नहीं था कि मृतक की साड़ी पटरियों पर फंस गई थी जिसके कारण दुर्घटना हुई।

    रेलवे अधिनियम की धारा 124ए के तहत कोई अप्रिय घटना होने पर रेलवे प्रशासन मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है।

    तदनुसार, अदालत ने माना कि इस मामले में आवेदक यह साबित करने में विफल रहे कि मृतक की मृत्यु एक अप्रिय घटना के कारण हुई थी। इसलिए, अपीलकर्ता रेलवे से किसी भी मुआवजे के हकदार नहीं है और अपील खारिज कर दी गई थी।

    केस का शीर्षक: नुकाला वेंकटेश्वरु का निधन और अन्य बनाम भारत संघ, महाप्रबंधक, सिकंदराबाद द्वारा प्रतिनिधि

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