पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को अंतरिम अग्रिम जमानत दी

LiveLaw News Network

12 Aug 2021 11:07 AM GMT

  • पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को अंतरिम अग्रिम जमानत दी

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी को अंतरिम अग्रिम जमानत दी।

    न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा प्राप्त है, इसलिए उनके फरार होने की कोई संभावना नहीं है। इस प्रकार उन्हें एक सप्ताह के भीतर जांच में शामिल होने के अधीन अंतरिम अग्रिम जमानत दी गई।

    संक्षेप में मामला

    सैनी ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) (बी) के साथ पठित धारा 13 (2) और धारा 109 और 120-बी आईपीसी के तहत दर्ज मामले में अग्रिम जमानत की मांग की।

    यह आरोप लगाया गया है कि सैनी ने फर्जी दस्तावेजों और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के साथ धोखाधड़ी करके एक घर पर कब्जा किया है।

    यह तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ता द्वारा किए गए लेनदेन संदिग्ध हैं और सेल एग्रीमेंट (चंडीगढ़ में एक घर का) भी संदिग्ध है क्योंकि 10,25,00,000 रुपये की संपत्ति के समझौते को एक सादे कागज में बनाया गया है।

    यह भी तर्क दिया गया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि लेन-देन का कोई निशान नहीं बचा है, मासिक किराए का भुगतान करते समय याचिकाकर्ता द्वारा कोई टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) नहीं काटा गया था।

    यह संदेह भी व्यक्त किया गया है कि याचिकाकर्ता अपने काले धन का उपयोग सफेद धन के रूप में कर रहा था।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि वह राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हैं और एक के बाद एक प्राथमिकी दर्ज करके उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और यह उनके खिलाफ चौथी प्राथमिकी है।

    यह भी तर्क दिया गया कि सतर्कता जांच या प्राथमिकी में बताए गए सभी लेन-देन बैंकिंग लेनदेन हैं और उन्होंने वित्त के स्रोत के बारे में बताया है जो बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किए गए हैं।

    न्यायालय की टिप्पणियां

    कोर्ट ने कहा कि घर बेचने के समझौते की वास्तविकता के संबंध में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए विवाद और मासिक किराए का भुगतान करते समय टीडीएस की कटौती न करके आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया था। ट्रायल के समय इसकी जांच की जाएगी।

    कोर्ट ने यह भी नोट किया कि याचिकाकर्ता के स्पष्टीकरण की जांच ट्रायल के दौरान किया जाएगा कि बेचने के समझौते की तारीख से पहले सिक्योरिटी का अग्रिम भुगतान किया गया था।

    अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि जब भी जरूरत होगी जांच में शामिल होना होगा।

    मामले को अब आगे की सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर, 2021 को पोस्ट किया गया है।

    केस का शीर्षक - सुमेध सिंह सैनी बनाम पंजाब राज्य

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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