पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट स्थानांतरण का किया विरोध, मौजूदा परिसर के विस्तार की मांग की
Amir Ahmad
23 Sept 2025 11:52 AM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) की जनरल बॉडी ने सोमवार (22 सितंबर) को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर स्पष्ट कर दिया कि हाईकोर्ट को चंडीगढ़ स्थित मौजूदा परिसर से किसी भी हालत में नहीं हटाया जाएगा।
चंडीगढ़ के शिवालिक पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित यह हाईकोर्ट प्रसिद्ध फ्रांसीसी आर्किटेक्ट ले कॉर्बुज़िए की डिज़ाइन की हुई इमारत है और इसे एक आर्किटेक्चरल मार्वल माना जाता है।
मामले की पृष्ठभूमि
चीफ जस्टिस शील नागु और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बढ़ते मामलों और जगह की कमी को देखते हुए यूटी प्रशासन को नया हाईकोर्ट भवन बनाने के लिए वैकल्पिक स्थान तलाशने का निर्देश दिया था।
इसके बाद 20 अगस्त को बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी समिति ने सर्वसम्मति से हाईकोर्ट को चंडीगढ़ के सारंगपुर गांव स्थानांतरित करने का प्रस्ताव पारित किया। हालांकि, 22 अगस्त को कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि यह प्रस्ताव तभी स्वीकार होगा जब इसे जनरल बॉडी द्वारा पारित किया जाएगा।
जनरल बॉडी का प्रस्ताव
सोमवार को पारित प्रस्ताव में जनरल बॉडी ने कहा,
1. हाईकोर्ट को किसी भी परिस्थिति में सारंगपुर या अन्य किसी स्थान पर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
2. बार एसोसिएशन हर संभव प्रयास करेगी कि मौजूदा परिसर से सटे आरक्षित वन क्षेत्र का डी-रिजर्वेशन कराकर हाईकोर्ट का विस्तार किया जाए।
3. मौजूदा स्थान पर हाईकोर्ट का संचालन ही वकीलों, आम जनता और न्याय प्रशासन के सर्वोत्तम हित में है।
इस प्रस्ताव की प्रति पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और सभी जजों भारत सरकार के कानून मंत्री, पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों तथा चंडीगढ़ के प्रशासक को भेजी जाएगी।
निष्कर्ष
बार एसोसिएशन की इस सर्वसम्मत राय ने साफ संकेत दे दिया कि कानूनी बिरादरी हाईकोर्ट के मौजूदा ले कॉर्बुज़िए डिज़ाइन परिसर को ही संरक्षित और विस्तारित करना चाहती है।

