पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान परिवहन शुल्क वसूलने से रोका, बिल्डिंग मेंटेनेंस शुल्क भी 50 प्रतिशत तय किया

LiveLaw News Network

29 Sep 2020 10:18 AM GMT

  • P&H High Court Dismisses Protection Plea Of Married Woman Residing With Another Man

    Punjab & Haryana High Court

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर स्थित स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह छात्रों से परिवहन शुल्क न वसूलें।

    जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस करमजीत सिंह की खंडपीठ ने आदेश दिया है कि,''इस समय छात्र स्कूल नहीं जा रहे हैं, ऐसे में इन तथ्यों के मद्देनजर परिवहन शुल्क नहीं लिया जा सकता है।''

    डिवीजन बेंच उस अपील पर सुनवाई कर रही है,जिसमें एकल न्यायाधीश द्वारा जुलाई माह में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी। उस आदेश के तहत एकल पीठ ने ब्व्टप्क्.19 महामारी के दौरान छात्रों से शुल्क आदि वसूलने के संबंध में निर्देश दिए थे।

    कोर्ट को सूचित किया गया था कि छात्रों से परिवहन शुल्क लिया जा रहा है, जबकि कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जा रही हैं। इसके अलावा, भवन के रखरखाव के लिए भी 34000 रुपये वार्षिक शुल्क के रूप में वसूले जा रहे हैं,जबकि पिछले सात महीनों से भवन का उपयोग नहीं हो रहा है।

    याचिकाकर्ता-अपीलकर्ताओं ने कहा कि उक्त आदेश में 'इंडीपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन चंडीगढ़ (रजिस्टर्ड) एंड अदर्स बनाम स्टेट आॅफ पंजाब एंड अदर्स' मामले में दिए गए फैसले पर भरोसा किया गया था,जो स्वयं हरियाणा विद्यालय शिक्षा अधिनियम, 1995 की अनदेखी में पारित किया गया था।

    उक्त मामले में, एकल न्यायाधीश ने कहा था कि सभी स्कूल, चाहे वे लॉक-डाउन अवधि के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं दे रहे हो या नहीं, ट्यूशन शुल्क लेने के हकदार हैं। इस आदेश को मुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी गई थी। जिन्होंने स्पष्ट किया था कि भले ही स्कूलों को ट्यूशन शुल्क लेने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन वे ऐसे छात्रों के नाम नहीं काटेंगे, जिन्होंने स्कूल फीस देने में रियायत/ छूट मांगी है ( उनके अभ्यावेदन का निपटारा होने तक)।

    यह अपील अभी भी लंबित है और इस पर 1 अक्टूबर, 2020 को सुनवाई की जाएगी।

    इसी बीच, कोर्ट ने आदेश दिया है कि स्कूल भवन के रखरखाव के लिए वार्षिक शुल्क वसूलने की सीमा 50 प्रतिशत तक रहेगी।

    कोर्ट ने बीच का रास्ता यह सुनिश्चित करने के लिए अपनाया है ताकि स्कूल प्राधिकरण अपने परिसर को बनाए रखने में सक्षम हो सकें।

    इस मामले में अब गुरुवार को सुनवाई की जाएगी।

    केस का शीर्षक-आशीष कुमार गर्ग व अन्य बनाम हरियाणा राज्य व अन्य

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