पंजाब एंड हरियाणा बार बॉडी ने कथित रूप से जाली और मनगढ़ंत नामांकन प्रमाण पत्र वाले 140 वकीलों की प्रैक्टिस पर रोक लगाई
Sharafat
11 Aug 2022 6:49 PM IST
बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा ने इस सप्ताह कानून की प्रैक्टिस कर रहे 140 लोगों को किसी भी अदालत में पेश होने से रोक दिया क्योंकि बार बॉडी ने उन्हें " जाली और मनगढ़ंत नामांकन प्रमाण पत्र रखने " का दोषी पाया।
ये सभी व्यक्ति पंजाब के एक ही जिले (लुधियाना) की अदालतों में प्रैक्टिस कर रहे थे और पेश हो रहे थे। बार बॉडी ने इसे एक घोटाला और एक क्लासिक मामला कहा, क्योंकि उन्हें जाली और फर्जी नामांकन प्रमाण पत्र (एडवोकेट का लाइसेंस) रखने और कथित रूप से जाली और फर्जी लाइसेंस के आधार पर प्रैक्टिस करने की सूचना मिली थी।
बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा की अनुशासन समिति जिसमें सीएम मुंजाल, चेयरमैन हरीश राय ढांडा, सदस्य और विकास बिश्नोई, सह-सदस्य शामिल हैं, उन्होंने ऐसे वकीलों की सूची पुलिस कमिश्नर, लुधियाना को तत्काल कार्रवाई के लिए भेजी है, जिससे उक्त अपराध के लिए इन लोगों पर मामला दर्ज किया जा सके।
समिति ने बुधवार को पारित अपने आदेश में कहा,
" ...यह बहुत गंभीर मामला है, जो लोग बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा में वैध रूप से इनरोल भी नहीं हैं, वे जाली और मनगढ़ंत प्रमाणपत्रों पर प्रैक्टिस कर रहे हैं और हमारा यह मानना है कि यह बहुत गंभीर मामला है जहां एक है स्पष्ट जालसाजी और मनगढ़ंत। सभी संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके पुलिस द्वारा उचित जांच की आवश्यकता है।"
बार की अनुशासन समिति लुधियाना के डेविड गिल नामक वकील की शिकायत पर काम कर रही थी, जिसने एक परमिंदर सिंह के खिलाफ शिकायत दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि परमिंदर के पास वैध लाइसेंस नहीं है और वह प्रैक्टिस कर रहा है।
सुनवाई के दौरान जिला बार एसोसिएशन के सभी सदस्यों के लाइसेंस की जांच के लिए अनुशासन समिति ने तीन सदस्यीय आंतरिक समिति का गठन किया, जिसमें राजेश कुमार, राहुल ग्रोवर और प्रदीप शर्मा शामिल थे। समिति ने बार एसोसिएशन लुधियाना द्वारा उपलब्ध कराई गई मतदाता सूचियों और बार काउंसिल के रिकॉर्ड से तुलना करके चार्ट दिखाकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
वर्ष 2000 से 2021 तक के रिकॉर्ड की जांच के बाद यह पाया गया कि लुधियाना के कुल 140 वकील गैर-मौजूद नामांकन नंबर पर प्रैक्टिस कर रहे हैं।