पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता तजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी पर 10 मई तक रोक लगाई

LiveLaw News Network

7 May 2022 8:20 PM GMT

  • पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता तजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी पर 10 मई तक रोक लगाई

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी पर 10 मई तक रोक लगा दी है। बग्गा ने शनिवार को पहले मोहाली कोर्ट द्वारा अपने खिलाफ जारी वारंट को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

    जस्टिस अनूप चितकारा की बेंच ने पंजाब पुलिस को निर्देश दिया कि वह सुनवाई की अगली तारीख तक बग्गा के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई न करे।

    हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का उल्लेख किए जाने के बाद याचिका की तत्काल सुनवाई के लिए एक आदेश जारी किया गया और सुनवाई जस्टिस अनूप चितकारा के आवास पर हुई।

    बैकग्राउंड

    पंजाब की एक स्थानीय अदालत (एसएएस नगर) ने भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने पंजाब पुलिस की हिरासत से बग्गा की रिहाई को भी 'अवैध' करार दिया है।

    न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मोहाली, रावतेश इंद्रजीत सिंह पंजाब राज्य द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें बग्गा के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए, 505, 505 (2) और धारा 506 के तहत दर्ज एक मामले के संबंध में गिरफ्तारी वारंट जारी करने की प्रार्थना की गई थी।

    गौरतलब है कि बग्गा को शुक्रवार सुबह पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि हरियाणा पुलिस के हस्तक्षेप और दिल्ली कोर्ट के आदेश के तहत दिल्ली पुलिस शाम को बग्गा को वापस दिल्ली लाने में सफल रही। बग्गा को थानेसर पुलिस स्टेशन, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) से अपनी हिरासत में ले लिया।

    पंजाब पुलिस ने आरोप लगाया कि जब वह बग्गा को एरिया मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के लिए एसएएस नगर (मोहाली) ले जा रही थी तो हरियाणा पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया और उन्हें कुरुक्षेत्र (थानेसर पुलिस स्टेशन) ले आई, जहां बग्गा को हिरासत में दे दिया गया। दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस के 12 पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर अवैध रूप से हिरासत में ले लिया गया।

    इस आरोप के साथ पंजाब पुलिस ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपने 12 पुलिस अधिकारियों को हरियाणा पुलिस की हिरासत से रिहा करने और तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की हिरासत पंजाब पुलिस को बहाल करने की मांग की।

    अदालत के समक्ष, डीएसपी सुखनाज सिंह, सिटी -1, मोहाली ने भी बयान दिया कि एफआईआर रद्द करने के संबंध में याचिका हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है, हालांकि, उन्होंने कहा, एफआईआर में बग्गा की गिरफ्तारी के संबंध में कोई रोक नहीं है न ही आरोपी द्वारा कोई अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई थी।

    अदालत को यह भी बताया गया कि पंजाब राज्य द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका भी 10 मई, 2022 को हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है, जिसमें उसके पुलिस अधिकारियों की रिहाई की मांग की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्हें हरियाणा पुलिस द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है।

    कोर्ट का आदेश

    अदालत ने आवेदन की सामग्री, जांच एजेंसी द्वारा आरोपी को जारी किए गए सीआरपीसी की धारा 41-ए नोटिस और बग्गा के खिलाफ एफआईआर को ध्यान में रखा और इस प्रकार टिप्पणी की:

    " आरोपी राज्य यानि दिल्ली से बाहर रह रहा है और धारा 41-ए सीआरपीसी के तहत नोटिस जारी करने के बावजूद जांच एजेंसी के सामने पेश होने में विफल रहा है ... इसके अतिरिक्त, जांच दल भी गिरफ्तार करने के लिए 06.05.2022 को दिल्ली गया था।

    आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया और उसकी गिरफ्तारी की सूचना आरोपी के पिता को दे दी गई। कुलजिंदर सिंह, डीएसपी, पुलिस दल के साथ, आरोपी की गिरफ्तारी के लिए आवश्यक सूचना देने के लिए थाना जनकपुरी, नई दिल्ली गए। हालांकि संबंधित थाने की ओर से कोई डीडीआर एंट्री नहीं की गई। जब पुलिस दल आरोपियों को ला रहा था, ताकि मोहाली में अदालत के समक्ष पेश किया जा सके, पुलिस दल को कुरक्षेत्र पुलिस ने रोक दिया और वे पुलिस दल को थानेसर सदर के पास ले गए।

    दोपहर लगभग 02:30 बजे, श्री प्रशांत गौतम, आईपीएस, अतिरिक्त डीसीपी-1, पश्चिम नई दिल्ली पुलिस बल के साथ आए और आरोपियों को बलपूर्वक और अवैध तरीक़े से छुड़वाया।"

    इसे ध्यान में रखते हुए आवेदन की सामग्री और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आरोपी को जांच में शामिल होने के लिए पर्याप्त अवसर पहले ही दिए जा चुके हैं और इसके बावजूद वह जांच में शामिल होने में विफल रहा है। अदालत ने कहा कि यह न्याय के हित में आवश्यक है कि जांच को सुविधाजनक बनाने के लिए उनके खिलाफ 23 मई 2022 के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया जाए।

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