‘गांवों में कब्रिस्तान की उपलब्धता के बारे में जानकारी के लिए न्यूजपेपर में सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित’: कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट को बताया

Brij Nandan

6 April 2023 7:27 AM GMT

  • ‘गांवों में कब्रिस्तान की उपलब्धता के बारे में जानकारी के लिए न्यूजपेपर में सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित’: कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट को बताया

    कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने लोकल और नेशनल न्यूजपेपर में एक सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित किया है, जिसमें गांवों में कब्रिस्तान की उपलब्धता के बारे में जानकारी मांगी गई है।

    जस्टिस बी वीरप्पा और जस्टिस वेंकटेश नाइक टी की खंडपीठ ने इस संबंध में प्रधान सचिव (राजस्व विभाग) द्वारा दायर हलफनामे को रिकॉर्ड में लिया।

    राज्य ने अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का और समय मांगते हुए कहा, "आवश्यक जानकारी एकत्र करने के बाद, कर्नाटक राज्य के हर गांव में कब्रिस्तान उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए जाएंगे।"

    उच्च न्यायालय ने पहले कुछ गांवों में कब्रिस्तान की कमी को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी।

    अदालत ने कहा था,

    "यह बुनियादी जरूरतें हैं, लोग कब्रिस्तान और सड़क और पानी चाहते हैं। इन बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति करना आपका कर्तव्य है। आप ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं?”

    पीठ याचिकाकर्ता मोहम्मद इकबाल द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोपी के खिलाफ 2019 के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने के लिए कार्रवाई करने की प्रार्थना की गई थी, जिसमें एक समन्वय पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह सभी गांवों को छह महीने के भीतर कब्रिस्तान उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कदम उठाए।

    मामले की आगे की सुनवाई 20 अप्रैल को निर्धारित करते हुए पीठ ने कहा, ''हम इस मामले में निगरानी रख रहे हैं। हर दो हफ्ते में हम इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।”

    केस टाइटल: मोहम्मद इकबाल और एम महेश्वर राव

    केस नंबर: सीसीसी 343/2020


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