संरक्षण याचिकाएं: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पहली शादी के नाबालिग बच्चों की स्थिति की घोषणा अनिवार्य की

LiveLaw News Network

20 Jan 2022 5:58 AM GMT

  • संरक्षण याचिकाएं: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पहली शादी के नाबालिग बच्चों की स्थिति की घोषणा अनिवार्य की

    Punjab & Haryana High court

    पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि लिव-इन रिलेशनशिप या दूसरी शादी की स्थिति में दायर सुरक्षा याचिकाओं में पहले विवाह के नाबालिग बच्चों, यदि कोई हो, की स्थिति की घोषणा करना अनिवार्य है।

    मंगलवार को इस संबंध में हाईकोर्ट प्रशासन ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया,

    "सभी अधिवक्ताओं/वादियों को सूचित किया जाता है कि सभी संरक्षण याचिकाओं में, जहां पार्ट‌ियों का आरोप है कि विवाह के बावजूद वे लिव-इन रिलेशनशिप में हैं या जहां यह आरोप लगाया जाता है कि याचिकाकर्ताओं ने दूसरी शादी की है, वहां याचिकाकर्ताओं की चल, अचल संपत्ति, आय का विवरण देते हुए, सा‌थ ही यह बताते हुए कि याचिकाकर्ता नाबालिग बच्चों की परवरिश, शिक्षा आदि का देखभाल कैसे करेगा, पहली शादी से नाबालिग बच्चों की स्थिति के बारे में एक घोषणा की जानी चाहिए, अन्यथा 01.02.2022 से आपत्ति उठाई जाएगी।"

    यह आदेश नवंबर 2021 में हाईकोर्ट के निर्देश/आदेश के अनुसार प्रशासन को जारी किया गया, जिसमें हाईकोर्ट ने पहली शादी से नाबालिग बच्चों की स्थिति, यदि कोई हो, साथ ही चल और अचल संपत्ति के विवरण के साथ-साथ आय की अनिवार्य रूप से घोषणा का निर्देश दिया था।

    दरअसल, इस घोषणा को उन सभी संरक्षण याचिकाओं के लिए अनिवार्य बना दिया गया है, जहां पार्टी का आरोप है कि वे विवाह के बावजूद लिव-इन रिलेशनशिप में हैं या जहां यह आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ताओं ने दूसरी शादी की है।

    जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान की खंडपीठ का यह आदेश सद्दाम नामक युवक की संरक्षण याचिका पर आया, जिसकी उम्र लगभग 33 वर्ष है। उसने और लगभग 25 वर्ष की आयु की ताहिरा नामक युवती ने एक-दूसरे से विवाह का दावा किया था। यह भी दलील दी गई थी कि दोनों याचिकाकर्ताओं की यह दूसरी शादी है।

    न्यायालय के आदेश में रजिस्ट्रार जनरल को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया,

    " सभी संरक्षण याचिकाओं में, जहां एक पक्ष यह आरोप लगाता है कि वे एक विवाह के बावजूद लिव-इन रिलेशनशिप में हैं या जहां यह आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ताओं ने दूसरी शादी की है, पहले से नाबालिग बच्चों की स्थिति के बारे में एक घोषणा की जानी चाहिए।साथ ही चल, अचल संपत्ति, आय का विवरण देते हुए यह स्पष्ट किया जाए कि याचिकाकर्ता नाबालिग बच्चों की परवरिश, शिक्षा, आदि की देखभाल कैसे करेगा।

    यह निर्देश दिया गया था कि 01.02.2022 से ऐसी सभी या समान सुरक्षा याचिकाओं को दायर करने से पहले उपरोक्त शर्तों का पालन किया जाए।

    कोर्ट ने तीन महीने की अवधि के भीतर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

    Next Story