वेतन भुगतान के लिए हाईकोर्ट पहुंचे दिल्ली कॉलेज के प्रोफेसर, सरकार को दिशा-निर्देश देने की मांग की

LiveLaw News Network

18 Sep 2020 9:01 AM GMT

  • वेतन भुगतान के लिए हाईकोर्ट पहुंचे दिल्ली कॉलेज के प्रोफेसर, सरकार को दिशा-निर्देश देने की मांग की

    दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज के प्रोफेसरों ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और दिल्ली सरकार को उनके वेतन और अन्य मेहतानों का भुगतान करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की है।

    सहायक प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसरों और कॉलेज के प्रोफेसरों द्वारा दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि मई 2020 से वेतन, पेंशन, चिकित्सा बिलों का नकदीकरण, सेवानिवृत्ति के लाभ और परित्याग का भुगतान नहीं किया गया है।

    इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि दिल्ली सरकार कॉलेज को 100% अनुदान प्रदान करने के लिए ज़िम्मेदार है, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि उक्त सरकार ने मई 2020 से ग्रांट-इन-एड जारी नहीं किया है, जिसके चलते कॉलेज के पूरे स्टाफ का जीवन प्रभावित करते हुआ और उसमें एक तरह से ठहराव आ गया है।

    याचिका में कहा गया है:

    "याचिकाकर्ता गैरकानूनी, अमानवीय और GNCTD के कठोर निर्णय से पीड़ित हैं, जो कि प्राध्यापकों के अस्तित्व और आजीविका के लिए देखभाल और विचार के बिना अनुदानों को रोकना, नियमों और प्रक्रियाओं के उल्लंघन और हनन पर रोक लगा सकते हैं।"

    इसके अलावा याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि GNCTD ने प्रोफेसरों को वेतन का भुगतान न करने का कोई कारण नहीं दिया है।

    याचिकाकर्ताओं ने कहा,

    "जीएनसीटीडी द्वारा वेतन का भुगतान न करना संविधान के अनुच्छेद 300-ए का उल्लंघन है और मेडिकल बिलों के गैर-नकदीकरण ने प्रोफेसरों के जीवन को विनाश के कगार पर ला दिया है।"

    इसलिए याचिकाकर्ताओं ने अदालत से मांग की है कि दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह पूरे स्टाफ की सैलरी जारी करे।

    इसके अलावा याचिकाकर्ताओं ने नियत तारीख से देय वेतन पर 12% ब्याज का भुगतान करने की भी मांग की है, साथ ही चिकित्सा बिलों का भुगतान की भी मांग की है।

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