प्रयागराज हिंसा: स्थानीय अदालत ने वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता जावेद मोहम्मद की जमानत याचिका खारिज की

Shahadat

20 Aug 2022 1:58 PM IST

  • प्रयागराज हिंसा: स्थानीय अदालत ने वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता जावेद मोहम्मद की जमानत याचिका खारिज की

    उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की स्थानीय अदालत ने गुरुवार को जून, 2022 प्रयागराज हिंसा मामले के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद को जमानत देने से इनकार कर दिया।

    कथित तौर पर वह उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रमुख साजिशकर्ता है। पुलिस ने आरोप लगाया कि जावेद ने पैगंबर मोहम्मद पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता के विवादास्पद बयानों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (जो हिंसक हो गया) का आह्वान किया था।

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रत्नेश कुमार श्रीवास्तव ने जावेद को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा:

    "... प्रथम दृष्टया यह मामला बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने, पुलिस बलों और नागरिकों पर बम और आग्नेयास्त्रों से हमला करने और सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाने से संबंधित है, जिन्हें (पुलिस) बल और साधनों का उपयोग करके नियंत्रण में लाया गया। इसलिए, तथ्यों और परिस्थितियों (मामले के) को ध्यान में रखते हुए मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आधार पर्याप्त नहीं है।"

    आरोप है कि 10 जून, 2022 को जुमे की नमाज के बाद उग्र भीड़ ने पुलिसकर्मियों और राहगीरों पर पथराव और बम फेंकना शुरू कर दिया, जो घातक थे। इस पथराव में कई कर्मी घायल हो गए।

    आरोपों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों द्वारा नारे लगाते हुए सुरक्षा बलों के जवानों पर पथराव शुरू करने के बाद विरोध हिंसक हो गया। जब रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया तो पथराव के कारण कुछ कर्मी घायल हो गए, जो प्रदर्शनकारियों की ओर से किया जा रहा था। विरोध के दौरान पुलिस के वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

    5000 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 443, 444, 445, 447, 448, 449, 453A, 453B, 295A, 204, 544, 307, 332, 333, 353, 395, 435, 436, 427, 504, 505(2), 506 और धारा 420बी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4/5, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की धारा 83 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धारा 3/4 के तहत मामला दर्ज किया गया हैं।

    याचिकाकर्ता जावेद को 10 जून को गिरफ्तार किया गया। उसके बाद उसकी पत्नी और बेटी को भी हिरासत में लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। इसके अलावा, 11 जून को नगर निगम के अधिकारियों द्वारा आरोपी को नोटिस दिया गया कि उसका घर गिरा दिया जाएगा, इसलिए उन्हें घर खाली कर देना चाहिए। नतीजतन, 12 जून को घर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया।

    इसके खिलाफ आरोपी जावेद मोहम्मद की पत्नी द्वारा जिला प्रशासन और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) द्वारा उनके घर को ध्वस्त करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई है।

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