'राजनीति से प्रेरित और पर्याप्त रिसर्च के बिना': बॉम्बे हाईकोर्ट में एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों को अपने कर्तव्य पर वापस लौटने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर कहा
Brij Nandan
30 Jun 2022 12:04 PM IST
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और बागी विधायकों को अपने कर्तव्य पर वापस लौटने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए एक लाख रुपये पूर्व जमा करने का निर्देश दिया।
चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एमएस कार्णिक की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शिंदे के खिलाफ जनहित याचिका राजनीति से प्रेरित और पर्याप्त रिसर्च के बिना दायर की गई है।
सीजे दत्ता ने आदेश दिया,
"प्रथम दृष्टया हमारा विचार है कि जनहित याचिका राजनीतिक रूप से प्रेरित है और जनहित याचिका को लागू करने से पहले आवश्यक शोध किया जाना चाहिए था। याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि इसे सुना जाना चाहिए, हम एक लाख रुपए प्री-कन्डिशन के रूप में जमा करने का निर्देश देते हैं तभी सुनवाई होगी। ऐसा नहीं करने पर याचिका खारिज हो जाएगी।"
याचिकाकर्ता उत्पल बाबूराव चंदावर और अन्य के वकील असीम सरोदे ने कहा कि वे पैसे देने की स्थिति में नहीं हैं।
उत्पल बाबूराव चंदावर और अन्य द्वारा पहली जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य बागी 38 विधायक गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डालकर अपने आधिकारिक कर्तव्यों की "उपेक्षा" कर रहे हैं। याचिका में उन्हें महाराष्ट्र लौटने और आधिकारिक कार्यों को फिर से शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
एडवोकेट अजिंक्य उडाने के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र राज्य में मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल के कारण नागरिकों के सार्वजनिक अधिकारों की अनदेखी की जा रही है।
पाटिल की दूसरी जनहित याचिका में ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले "विद्रोही" विधायकों के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस या दौरे आयोजित करने से रोकने की मांग की गई है।