शाही ईदगाह में गंगाजल से 'शुद्धिकरण' अनुष्ठान करने की अनुमति मांगने के लिए मथुरा कोर्ट में याचिका दायर

Sharafat

23 May 2022 11:11 AM GMT

  • शाही ईदगाह में गंगाजल से शुद्धिकरण अनुष्ठान करने की अनुमति मांगने के लिए मथुरा कोर्ट में याचिका दायर

    अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, दिनेश कौशिक ने मथुरा में एक स्थानीय अदालत के समक्ष एक आवेदन दिया है, जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर शुद्धिकरण अनुष्ठान करने की अनुमति मांगी गई है। इसमें दावा किया गया है कि केशव देव मंदिर का गर्भगृह कभी वहां स्थित था।

    आवेदक ने गंगाजल और यमुनाजल (गंगा और यमुना का पवित्र जल ) के साथ केशव देव मंदिर के गर्भगृह के "शुद्धिकरण" की अनुमति मांगी है ।

    इस आवेदन में उन्होंने कहा है कि विवाद स्थल पर ईदगाह मस्जिद का होना उनकी भावनाओं को आहत कर रहा है और इसलिए उन्होंने गंगाजल और यमुनाजल के साथ अनुष्ठान करने के लिए गर्भगृह के अंदर प्रवेश करने की अनुमति मांगी है।

    उल्लेखनीय है कि आवेदक दिनेश कौशिक ने पहले ही सिविल जज सीनियर डिवीजन मथुरा के समक्ष एक आवेदन दायर कर शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर लड्डू गोपाल को पवित्र करने और वहां पूजा पथ प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी है।

    मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि के बगल में स्थित है, जिसे हिंदू देवता कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है और आवेदन में आरोप लगाया गया है कि उक्त मस्जिद का निर्माण एक प्राचीन मंदिर को तोड़कर किया गया था।

    संबंधित समाचारों में मथुरा की एक स्थानीय अदालत में एक अर्जी देकर विवादित ईदगाह मस्जिद परिसर को सील करने की प्रार्थना की गई। यह आवेदन एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह और राजेंद्र माहेश्वरी ने दायर की है।

    आवेदन में दावा किया गया है कि अगर विवादित परिसर को सील नहीं किया गया, तो संपत्ति का धार्मिक चरित्र बदल जाएगा। आवेदन में यह भी मांग की गई है कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर की सुरक्षा बढ़ाई जाए, किसी भी तरह की आवाजाही पर रोक लगाई जाए और सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट इस याचिका पर 1 जुलाई को सुनवाई कर सकता है।

    ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस स्थान को सील करने के वाराणसी कोर्ट के आदेश का उल्लेख करते हुए जहां एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वेक्षण में शिवलिंग मिलने की सूचना दी, आवेदन में कहा गया है कि ईदगाह मस्जिद परिसर को भी सबूत के रूप में तुरंत संरक्षित करने की आवश्यकता है, अन्यथा पक्षकारों इन सबूतों को नष्ट कर सकते हैं।

    उल्लेखनीय है कि 13 मई को मनीष यादव नाम के एक व्यक्ति ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन), मथुरा की अदालत में शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग करते हुए एक आवेदन दिया था। उनके आवेदन में एक सीनियर एडवोकेट, एक एडवोकेट कमिश्नर को नियुक्त करने और मस्जिद के अंदर हिंदू धार्मिक प्रतीकों के मौजूद होने के तथ्य को देखते हुए तुरंत शाही ईदगाह का वीडियो सर्वेक्षण कराने की प्रार्थना की गई थी।

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में मथुरा की एक स्थानीय अदालत को श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के संबंध में उनके समक्ष लंबित दो आवेदनों पर 4 महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

    आवेदन पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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