भारतीय मछुआरों की हत्या के लिए श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका

LiveLaw News Network

10 Feb 2021 9:10 PM IST

  • भारतीय मछुआरों की हत्या के लिए श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका

    जनवरी 2021 में चार भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों की गिरफ्तारी और पीड़ितों के परिवार को श्रीलंका सरकार की ओर से पांच करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

    अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार वर्मा द्वारा दायर और अधिवक्ता सीआर जया सुकिन द्वारा तैयार की गई इस याचिका में तमिलनाडु के मछुआरों और उनकी संपत्तियों को श्रीलंकाई नौसेना से बचाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की भी प्रार्थना की गई है।

    याचिका में यह रेखांकित किया गया है कि कैसे 18 जनवरी, 2021 को पुडुकोट्टई जिले से मछली पकड़ने के लिए निकले चार मछुआरे वापस नहीं लौटे और भारतीय तटरक्षक बल द्वारा तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद यह पाया गया कि श्रीलंकाई नौसेना के हमले के कारण मछुआरों की मौत हो गई।

    इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि पिछले 30 वर्षों से तमिलों और श्रीलंकाई सरकार के बीच गृहयुद्ध चल रहा है- गृहयुद्ध में हजारों निर्दोष तमिल लोगों की हत्या कर दी गई और उन्हें बेरहमी से मार डाला गया । यहां तक कि श्रीलंकाई सेना द्वारा महिलाओं, वृद्ध व्यक्तियों और बच्चों की भी बेरहमी से हत्या कर दी गई, याचिका में मछुआरों की दुखद मौत को प्रस्तुत किया गया है, जिसमें समुद्री संसाधनों, मछली पकड़ने के अधिकारों और समुद्री सीमा पर भारत और द्वीप-राष्ट्र के बीच बारहमासी तकरार को ध्यान में रखा गया है।

    याचिका में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि भारतीय मछुआरों की संख्या 2014 में 787 से घटकर 2015 में 454 और 2016 में 290 हो गई है। हालांकि, गिरफ्तारियों में अचानक स्पाइक आई है, उदाहरण के लिए, 4 और 5 मार्च, 2020 को 32 मछुआरों को पकड़ा गया है।

    कुछ मीडिया रिपोर्टों में अनुमान लगाया गया है कि श्रीलंका के नौसेना कर्मियों द्वारा अब तक लगभग 600 भारतीय मछुआरों को कथित रूप से मारा गया है।

    यह बताते हुए कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा को पार करना और किसी अन्य देश के जल क्षेत्र में मछली पकड़ना नागरिक आर्थिक अपराध हैं, लेकिन याचिका में यह निवेदन किया गया है कि इस अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा को पार करने वाले मछुआरों की गोलीबारी और हत्या प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन करती है।

    यह भी आरोप लगाया गया है कि केन्द्र सरकार ने श्रीलंका सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं की है और वे तमिलनाडु के मछुआरों को अपना नागरिक नहीं समझ रहे हैं, बावजूद इसके कि वह अपने देश के नागरिकों की रक्षा करना उनका बाध्य कर्त्तव्य है।

    " याचिकाकर्ता कहता है कि श्रीलंकाई सरकार बिना दया के भारतीयों की हत्या कर रही है जैसे जर्मन सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी में यहूदियों की हत्या की, इसलिए लाखों भारतीय श्रीलंका से शरणार्थी के रूप में यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की ओर भाग रहे हैं। "

    याचिका में मछुआरों की हत्या करने वाले आरोपी श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों को गिरफ्तार करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कदम उठाने के लिए उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप की प्रार्थना की गई है।

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