मथुरा कोर्ट में शाही ईदगाह मस्जिद में लड्डू गोपाल का अभिषेक करने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका दायर
Brij Nandan
19 May 2022 12:27 PM IST
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने सिविल जज सीनियर डिवीजन मथुरा के समक्ष एक आवेदन दिया है जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर लड्डू गोपाल का अभिषेक करने और पूजा पथ करने की अनुमति मांगी गई है।
मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि के बगल में स्थित है, जिसे हिंदू देवता कृष्ण का जन्म स्थान माना जाता है और वर्तमान आवेदन में आरोप लगाया गया है कि इस मस्जिद का निर्माण एक प्राचीन मंदिर को तोड़कर किया गया था।
यह आवेदन पिछले साल भगवान केशव देव (भगवान कृष्ण) की ओर से मथुरा में कृष्ण मंदिर परिसर से सटे शाही ईदगाह (मस्जिद) को हटाने और 13.37 एकड़ भूमि को देवता को हस्तांतरण के लिए दायर एक मुकदमे में दायर किया गया है।
संबंधित खबरों में मंगलवार को मथुरा की एक स्थानीय अदालत में एक अर्जी देकर विवादित ईदगाह मस्जिद परिसर को सील करने की प्रार्थना की गई।
यह आवेदन एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह और राजेंद्र माहेश्वरी ने दायर की है।
आवेदन में दावा किया गया है कि अगर विवादित परिसर को सील नहीं किया गया, तो संपत्ति का धार्मिक चरित्र बदल जाएगा।
आवेदन में यह भी मांग की गई है कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर की सुरक्षा बढ़ाई जाए, किसी भी तरह की आवाजाही पर रोक लगाई जाए और सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।
सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट इस याचिका पर 1 जुलाई को सुनवाई कर सकता है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस स्थान को सील करने के वाराणसी कोर्ट के आदेश का उल्लेख करते हुए जहां एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वेक्षण में शिवलिंग मिलने की सूचना दी, आवेदन में कहा गया है कि ईदगाह मस्जिद परिसर को भी सबूत के रूप में तुरंत संरक्षित करने की आवश्यकता है, अन्यथा पक्षकारों इन सबूतों को नष्ट कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि 13 मई को मनीष यादव नाम के एक व्यक्ति ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन), मथुरा की अदालत में शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग करते हुए एक आवेदन दिया था।
उनके आवेदन में एक सीनियर एडवोकेट, एक एडवोकेट कमिश्नर को नियुक्त करने और मस्जिद के अंदर हिंदू धार्मिक प्रतीकों के मौजूद होने के तथ्य को देखते हुए तुरंत शाही ईदगाह का वीडियो सर्वेक्षण कराने की प्रार्थना की गई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में मथुरा की एक स्थानीय अदालत को श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के संबंध में उनके समक्ष लंबित दो आवेदनों पर 4 महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
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