भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर आजाद ने अपनी पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की, दिल्ली हाईकोर्ट ने EC से मांगा जवाब

LiveLaw News Network

8 Oct 2020 6:10 AM GMT

  • भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर आजाद ने अपनी पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की, दिल्ली हाईकोर्ट ने EC से मांगा जवाब

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद की उस याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है, जिसमें अज़ाद समाज पार्टी (कांसी राम) के नाम पर अपनी राजनीतिक पार्टी का पंजीकरण करने और आगामी बिहार चुनाव लड़ने के लिए चुनाव चिन्ह आवंटित करने की मांग की गई है।

    न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने भारत निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर इस याचिका पर जवाब देने को कहा जिसमें किसी से भी आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए 30 दिन की सेवा अवधि को घटाकर 7 दिन करने की मांग की गई थी और मामले को 20 अक्टूबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था ।

    चंद्र शेखर की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वे और पार्टी कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में बिहार चुनाव और उपचुनाव में भाग लेने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यदि आपत्ति आमंत्रित करने के लिए 30 दिन की प्रक्रिया अवधि कम नहीं की गई तो याचिकाकर्ता को पार्टी के नाम और प्रतीक के तहत बिहार के विधानसभा चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

    भारत निर्वाचन आयोग का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता राजीव शर्मा ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अन्य राजनीतिक दलों द्वारा आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए सेवा अवधि को कम करने के लिए भी इसी तरह का अनुरोध किया गया था जिसे आयोग पहले ही खारिज कर चुका है ।

    उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनाव में एकमुश्त छूट दी गई थी लेकिन अब ऐसा नहीं किया जा सकता।

    याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने 16 मार्च को भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष एक आवेदन दायर किया और कुछ आपत्तियों को दूर करने के लिए 4 अगस्त के पत्र के अनुसार उन्होंने 13 अगस्त को सभी आवश्यकताओं को पूरा कर लिया था।

    इसमें कहा गया कि जब पार्टी के नाम के पंजीकरण के लिए पत्र जारी नहीं किया गया तो उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और सुनवाई से एक दिन पहले उन्हें एक पत्र भेजा गया जिसके तहत पार्टी के नाम को मंजूरी दी गई।

    भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार याचिकाकर्ता ने 25 और 26 सितंबर को उनके पार्टी के नाम पर 30 दिनों के भीतर आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए दो राष्ट्रीय और दो स्थानीय समाचार पत्रों (हिंदी और अंग्रेजी) में सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित किया गया, लेकिन आयोग ने 25 सितंबर को बिहार के लिए विधानसभा चुनाव की घोषणा की।

    पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर से शुरू होगा और 7 नवंबर को खत्म होगा। पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 8 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगी।

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