84 नर्सों को नौकरी से हटाने के ख़िलाफ़ हमदर्द अस्पताल पर कार्रवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

LiveLaw News Network

25 July 2020 10:30 AM IST

  • 84 नर्सों को नौकरी से हटाने के ख़िलाफ़ हमदर्द अस्पताल पर कार्रवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

    दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर एचएएच सेंटेनरी हॉस्पिटल ऑफ़ हमदर्द इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ एंड रीसर्च (एचआईएमएसआर) के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई है क्योंकि उसने उन 84 नर्सों को नौकरी से निकाल दिया है जिन्होंने COVID 19 के बारे में कुछ ज़रूरी मुद्दों को लेकर अपनी आवाज़ उठायी थी।

    याचिका वक़ील सुभाष चंद्रन केआर ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता सहित 84 नर्सों को एक ऐसे समय में मनमाने तरीक़े से नौकरी से निकाल दिया गया है जब देश में महामारी फैली हुई है। ऐसा बदले की कार्रवाई के तहत किया गया है क्योंकि इन नर्सों ने COVID 19 को लेकर कुछ ज़रूरी चिंताओं के बारे में अपनी आवाज़ उठायी थी।

    याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता और अन्य नर्सों ने अस्पताल में मौलिक सुविधाओं जैसे N-95 मास्क, पर्याप्त संख्या में पीपीई किट्स, काम करने के बेहतर घंटे, पीने का पानी, मुफ़्त COVID 19 जांच, COVID 19 ड्यूटी के दौरान स्टाफ़ के लिए क्वारंटीन की पर्याप्त सुविधा की मांग को लेकर अपनी आवाज़ उठाई थी।

    याचिकाकर्ता को अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान कोरोना संक्रमण हो गया और लक्षण होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने मुफ़्त जांच नहीं करवाई।

    याचिका में प्रशासन के 11 जुलाई के उस आदेश को भी चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि नर्सों को इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया है क्योंकि वे छुट्टी के बिना काम से अनुपस्थित थीं जबकि इनमें से अधिकांश 11 जुलाई तक ड्यूटी पर थीं और कई क्वारंटीन में थीं। याचिकाकर्ता ने कहा कि यह मनमानी कार्रवाई है और केंद्र और राज्य सरकार ने ऐसे विशेष निर्देश दिए हैं कि कि महामारी के दौरान कर्मचारियों को नौकरी से हटाया नहीं जाए और न ही उनके वेतन में कोई कटौती की जाए।

    याचिका में कहा गया है कि इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था ख़तरनाक ढंग से दबाव में है, इसमें कर्मचारियों और संसाधनों की कमी है। यह महामारी नागरिकों की ज़िंदगी लील रही है और देश में भारी संख्या में लोग मर रहे हैं। इसे देखते हुए महामारी के बीच नर्सों को नौकरी से निकाल दिया, जबकि अभी स्वास्थ्यकर्मियों की भारी ज़रूरत है। अस्पताल ने दोनों ही आधार पर गलत कदम उठाया है – उसने सरकार के निर्देशों को नहीं माना है और नर्सों और एचआईएमएसआर के बीच करार को तोड़ा है।

    इस तरह, यह याचिका दायर कर नर्सों को ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से हटाने के लिए एचआईएमएसआर के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई का आदेश देने की मांग की गई है।

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