अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को भारत के चीफ जस्टिस के समक्ष रखने के बाद ही सूचीबद्ध किया जाएगा: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा
Brij Nandan
21 Jun 2022 2:03 PM IST
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि अग्निपथ (Agnipath) भर्ती योजना पर पुनर्विचार के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली एडवोकेट हर्ष अजय सिंह की जनहित याचिका (PIL) को भारत के चीफ जस्टिस के समक्ष रखे जाने के बाद ही सूचीबद्ध किया जा सकता है।
जब जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ दोपहर के भोजन के लिए जाने वाली थी, तभी याचिकाकर्ता के वकील ने पीठ से याचिका को सूचीबद्ध करने का आग्रह किया, जिसमें योजना के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की भी मांग की गई है।
वकील ने अवकाश पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया, "रिट याचिका को क्रमांकित किया गया है और केविएट भारत सरकार को भेज दी गई है।"
जस्टिस रविकुमार ने कहा,
"क्या इसे CJI के समक्ष रखा गया है?"
वकील ने जवाब दिया,
"हां, इसे रखा गया है।"
पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, सर्कुलर के अनुसार, ऐसे सभी मामलों को सीजेआई के समक्ष रखा जाना है और अगर ऐसा होता है तो हम विचार कर सकते हैं।
एडवोकेट हर्ष अजय सिंह द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि योजना के खिलाफ बिहार, यूपी, तेलंगाना, हरियाणा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों में योजना की अल्पकालिक अवधि के कारण देशव्यापी विरोध हो रहा है। प्रशिक्षित 'अग्निवर' की भविष्य की अनिश्चितताओं के कारण यह विरोध हो रहा है।
सिंह ने अपनी याचिका में आगे तर्क दिया है कि अपनी युवावस्था में चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर, अग्निवीर परिपक्व नहीं होंगे ताकि पेशेवर रूप से भी और व्यक्तिगत रूप से भी आत्म-अनुशासन बनाए रखा जा सके ताकि वे खुद का बेहतर संस्करण बन सकें।
केंद्र द्वारा दायर एक केविएट के परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता ने केंद्र को याचिका दी है।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि जहां एडवोकेट विशाल तिवारी ने अग्निपथ विरोध के दौरान हिंसा की एसआईटी जांच की मांग वाली जनहित याचिका को सूचीबद्ध करने की मांग की थी, वहां अवकाश पीठ ने कहा कि "यह मामला सीजेआई के समक्ष रखा जाएगा। सीजेआई एक कॉल करेंगे।"
कुल तीन याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। इसमें सशस्त्र बलों के लिए केंद्र की "अग्निपथ" भर्ती योजना को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका एडवोकेट एमएल शर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है।
केस टाइटल: हर्ष अजय सिंह बनाम भारत संघ| डायरी नंबर 18774 ऑफ 2022