फोन टैपिंग केस: पुणे पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के खिलाफ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया
LiveLaw News Network
4 March 2022 11:36 AM IST
आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने पुणे पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, जिसमें 2015- 2019 के बीच राजनेताओं के फोन टैप करने का आरोप लगाया गया है, जब राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में था।
शुक्ला वर्तमान में हैदराबाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) दक्षिण क्षेत्र के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में तैनात हैं। वह मार्च 2016 और जुलाई 2018 के बीच पुणे शहर की पुलिस आयुक्त थीं, जब उन पर फोन टैपिंग करने का आरोप लगाया गया था।
उनकी याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनआर बोरकर की बेंच सुनवाई कर सकती है।
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि उनका फोन 2016-2017 के दौरान इस बहाने टैप किया गया था कि "नशीले पदार्थों की तस्करी" मामले में शामिल एक अमजद खान का नाम उनसे जुड़ा हुआ है।
पटोले ने आगे आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री रोसाहेब दानवे के निजी सहायक, तत्कालीन भाजपा सांसद संजय काकड़े और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों के फोन टैप किए गए।
आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। समिति की अध्यक्षता आईपीएस अधिकारी संजय पांडे, तत्कालीन पुलिस महानिदेशक, महाराष्ट्र ने की थी।
शुक्ला के खिलाफ 26 फरवरी को भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत 2015 और 2019 के बीच राजनेताओं के फोन की कथित अवैध टैपिंग के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए आईपीएस अधिकारी ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया जा रहा है और वह राजनीतिक प्रतिशोध की शिकार हो रही हैं।
दिसंबर में बॉम्बे हाईकोर्ट ने फोन टैपिंग पर शुक्ला द्वारा तैयार की गई गोपनीय रिपोर्ट को लीक करने के लिए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक अन्य प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया।
हालांकि अदालत ने याचिका को खारिज नहीं किया, लेकिन पुलिस को निर्देश दिया कि अगर वे मामले में आरोपी को पेश करना चाहते हैं तो एक सप्ताह का नोटिस दें।