पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फिरौती के पैसे लेने के आरोपी कथित गैंगस्टर संपत नेहरा के रिश्तेदार को जमानत दी
Brij Nandan
7 Dec 2022 11:25 AM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फिरौती के पैसे लेने के आरोपी कथित गैंगस्टर संपत नेहरा के रिश्तेदार को जमानत दी।
जस्टिस जसजीत सिंह बेदी की पीठ ने यह देखते हुए कि इस तरह के अपराधों को शुरू में ही समाप्त कर दिया जाना चाहिए, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए जमानत दे दी कि मामले की सुनवाई निकट भविष्य में समाप्त होने की संभावना नहीं है।
पीठ ने टिप्पणी की,
"निस्संदेह, याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर हैं। इस तरह के अपराध निश्चित रूप से बढ़ रहे हैं और उन्हें शुरुआत में ही समाप्त कर दिया जाना चाहिए। हालांकि, आरोपों की सत्यता ट्रायल के दौरान अधिनिर्णय का विषय होगी। इस स्तर पर, याचिकाकर्ता 08.02.2022 से हिरासत में है। अभियोजन पक्ष के 22 गवाहों में से किसी का भी अब तक ट्रायल नहीं किया गया है और इसलिए, वर्तमान मामले का ट्रायल निकट भविष्य में समाप्त होने की संभावना नहीं है। अन्यथा भी, मामला एक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा विचारणीय है। ऐसी स्थिति में, याचिकाकर्ता को और क़ैद में रखने की आवश्यकता नहीं है।"
पूरा मामला
इस मामले में, आरोपी/जमानत आवेदक के खिलाफ धारा 387, 120-बी आईपीसी और आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27, 54, 59 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसमें अंगरेज सिंह (शिकायतकर्ता) के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप लगाया गया था कि गोल्डी बराड़ (एक कथित गैंगस्टर) उसे बार-बार फोन कर उससे 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांग रहा था।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उन्हें बताया गया था कि उन्हें एक और कॉल आएगी और एक व्यक्ति आएगा और पैसे प्राप्त करेगा और उसके बाद आरोपी/याचिकाकर्ता ने उन्हें फोन किया और कहा कि उक्त पैसे उन्हें भुगतान करने की आवश्यकता है।
जब शिकायतकर्ता ने 25 लाख की फिरौती देने में असमर्थता जताई। आरोपी ने उसकी कथित गैंगस्टर संपत नेहरा से बात कराई। आखिर में शिकायतकर्ता ने 7 लाख रुपये देने को तैयार हुआ जिसमें तीन लाख आरोपी मंजीत द्वारा उपलब्ध कराए गए अकाउंट नंबर में और बाकी चार लाख उसे नकद दिए गए।
आरोपी को 8 फरवरी, 2022 को गिरफ्तार किया गया था, और उसने तत्काल जमानत याचिका के साथ हाईकोर्ट का रुख किया, यह तर्क देते हुए कि उसने शिकायतकर्ता से किसी भी पैसे की मांग नहीं की और वास्तव में, याचिकाकर्ता संपत नेहरा और गोल्डी बराड़ द्वारा शिकायतकर्ता की मांगों के खिलाफ मदद करने की कोशिश कर रहा था।
आगे यह तर्क दिया गया कि शिकायतकर्ता ने इस मामले में याचिकाकर्ता को गलत तरीके से फंसाया और केवल इसलिए कि उसका संपत नेहरा के साथ कुछ संबंध है।
दूसरी ओर, यूटी चंडीगढ़ के वकील ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता ने संपत नेहरा के इशारे पर याचिकाकर्ता को पैसे दिए थे, जो जेल में बंद खूंखार गैंगस्टर है। इसके अलावा, यह भी प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर एक देसी पिस्तौल, 04 जिंदा कारतूस, 01 मोबाइल फोन और 11 सिम कार्ड बरामद हुए।
मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोप गंभीर हैं, आरोपों की सत्यता ट्रायल के दौरान अधिनिर्णय का विषय होगी। इसे देखते हुए कोर्ट ने जमानत दे दी।
केस टाइटल - मंजीत सिंह @ सोनू .v. यू.टी राज्य चंडीगढ़
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