पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रवीना टंडन, फराह खान और भारती सिंह को कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में दिया अंतरिम संरक्षण
LiveLaw News Network
13 March 2020 9:59 AM GMT
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को पंजाब राज्य को निर्देश दिया है कि वह बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन, फिल्म निर्माता फराह खान और कॉमेडियन भारती सिंह के खिलाफ कोई ''कठोर कदम''न उठाए।
इन तीनों की तरफ से दायर याचिकाओं में इनके खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकियों को रद्द करने की मांग की गई है। कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में इन तीनों के खिलाफ दो केस दर्ज किए गए हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने फ्लिपकार्ट द्वारा जारी ''बैकबेंचर्स'' नामक एक वेब शो के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत किया था।
मामले की पृष्ठभूमि
शो बैकबेंचर्स, जो 19 अक्टूबर, 2019 को लॉन्च किया गया था, जिसे बॉलीवुड निर्देशक फराह खान ने होस्ट किया था। जो एक नाॅन स्क्रिप्टिड कॉमेडी-आधारित वेब क्विज शो है।
यह शो बॉलीवुड और स्पोर्ट्स के कुछ बेहतरीन व जाने-माने चेहरों को आमंत्रित करता है और लिखित और मौखिक परीक्षणों के कई राउंड के माध्यम से उनके सामान्य ज्ञान को परखता है।
कथित तौर पर यह घटना 30 नवम्बर 2019 को मुंबई में बैक बेंचर्स की 14 वीं कड़ी की शूटिंग के दौरान दो प्रतिभागियों, रवीना टंडन और भारती सिंह से क्विजिंग के दौरान अनजाने में शुरू हुई बातचीत से उत्पन्न हुई थी। उस समय शो की मेजबानी फराह खान कर रही थी।
शो में फराह खान ने रवीना टंडन और भारती सिंह को ''हलीलूजाह'' शब्द का उच्चारण करने के लिए कहा और साथ ही इसका वर्णन करते हुए इसका अर्थ भी बताने को कहा था। रवीना टंडन ने इसे सही ढंग से बोला था, लेकिन इसका अर्थ नहीं बताया।
भारती सिंह ने शब्द की उत्पत्ति और संदर्भ को नहीं जानते हुए, इसका गलत तरीके से उच्चारण किया और इसे हिंदी के ऐसे ही एक शब्द या एक समान शब्द के रूप में संदर्भित किया, जिससे केवल इस शब्द का उच्चारण मिलता था या दोनों का उच्चारण एक समान था।
पंजाब और महाराष्ट्र में कुल 13 एफआईआर की गई थी जिनमें आरोप लगाए गए थे कि उक्त शो ने ''हलीलुजाह या हलिलुय'' शब्द का मजाक बनाया है और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।
चंडीगढ़ में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष अधिवक्ता अभिनव सूद, गौरव गिरीश शुक्ला और पल्लव मोंगिया के जरिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत याचिका दायर कर मामले में दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने की मांग की गई थी।
इन याचिकाओं में पुलिस स्टेशन सिटी रूपनगर, जिला रूपनगर और पुलिस स्टेशन कैंट फिरोजपुर,जिला फिरोजपुर में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की प्रार्थना की गई है। इन प्राथमिकियों में रवीना टंडन, फराह खान और भारती सिंह को आरोपी बनाया गया है।
गुरुवार को, अधिवक्ता अभिनव सूद ने तर्क दिया कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 295-ए के तहत कथित अपराध बनाने के लिए कोई भी तत्व या सामग्री नहीं थी या न ही किसी तत्व से इस धारा के तहत अपराध बनता है। वहीं किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का कोई जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं था।
यह भी तर्क दिया गया कि आरोप ''अनुचित, झूठे और गलत'' हैं। रवीना टंडन फराह खान और बॉलीवुड कलाकार भारती सिंह को एक शब्द बोलने और उसके अर्थ को समझाने के लिए कहा गया था। जबकि टंडन ने इसका सही ढंग से उच्चारण किया परंतु भारती सिंह ने इसका गलत उच्चारण किया। इसका स्पष्ट अर्थ था कि भारती सिंह इस शब्द को नहीं जानती थी और हिंदी के एक दूसरे शब्द का जिक्र कर रही थी।
सूद ने अदालत को बताया कि ऐसा कुछ नहीं था जिससे यह अनुमान लगाया जा सके कि ऐसा करने का उद्देश्य किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करना है। भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए के तहत अपराध बनाने के लिए उनका काम या कार्य या कृत्य दूरस्थ रूप से भी योग्य नहीं था या दूर से भी अधिनियम की इस धारा के दायरे में नहीं आता है।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया है कि पंजाब राज्य की तरफ से फिरोजपुर और रूपनगर दोनों एफआईआर के संबंध में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी कठोर कदम न उठाया जाए। आगे की कार्यवाही के लिए मामला 25 मार्च 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
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