कर्नाटक हाईकोर्ट ने ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
LiveLaw News Network
2 Nov 2021 8:25 AM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक पुलिस अधिनियम में राज्य सरकार द्वारा संशोधन के बाद, इसके द्वारा सभी ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने और प्रावधानों के उल्लंघन के लिए अधिकतम तीन साल की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की।
मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने शारदा डी आर द्वारा दायर जनहित याचिका को निष्फल बताते हुए खारिज कर दिया।
याचिका में सरकार को सभी ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की मांग की थी।
राज्य सरकार द्वारा अदालत को सूचित किए जाने के बाद यह आदेश पारित किया गया कि,
"राज्य सरकार कर्नाटक पुलिस अधिनियम, 1963 में एक संशोधन लाई है और इस तरह वर्तमान स्वरूप में रिट याचिका निष्फल हो गई है।"
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता श्रीधर प्रभु ने भी इस बात पर सहमति जताई कि जिस उद्देश्य से यह याचिका दायर की गई है वह निष्फल हो गई है।
याचिका में कहा गया है कि कर्नाटक राज्य एक नियामक शून्य में बना हुआ है। समाज के भोले-भाले और असहाय वर्ग, विशेषकर युवा महामारी की स्थिति के बीच ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी के शिकार हो रहे हैं।
गुजरात और तमिलनाडु उच्च न्यायालयों ने अपने संबंधित क्षेत्राधिकार वाले राज्य विधानसभाओं को शासन को विनियमित करने की संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश दिया है। इन राज्यों में एक केंद्रीय कानून मौजूद है। हालांकि, कर्नाटक में न तो केंद्रीय कानून है और न ही कोई नियामक व्यवस्था है।
गेमिंग कंपनियों ने संशोधन एक्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। महाधिवक्ता प्रभुलिंग के नवदगी ने मौखिक रूप से अदालत को आश्वासन दिया है कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
केस का शीर्षक: शारदा डी आर बनाम कर्नाटक राज्य
केस नंबर: डब्ल्यूपी 13714/2020