'पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के दौरान असम भाग कर आए लोगों को अस्थायी राहत प्रदान की गई; वे अपने घर वापस लौट चुके हैं': राज्य सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट से जनहित याचिका को बंद करने का आग्रह किया

LiveLaw News Network

20 Aug 2021 4:06 PM IST

  • पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के दौरान असम भाग कर आए लोगों को अस्थायी राहत प्रदान की गई; वे अपने घर वापस लौट चुके हैं: राज्य सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट से जनहित याचिका को बंद करने का आग्रह किया

    Gauhati High Court

    असम राज्य सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को सूचित किया कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के दौरान असम भाग कर आए 70 विस्थापित व्यक्तियों को COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जिला प्रशासन द्वारा अस्थायी आश्रय, भोजन और दवाएं प्रदान की गईं।

    राज्य ने यह भी बताया कि प्रभावित लोग अब अपने घरों को वापस चले गए हैं और चूंकि असम में अब कोई आमद नहीं है, इसलिए इस संबंध में स्थापित जनहित याचिका को बंद किया जा सकता है।

    अभिजीत सरमा और रवि चेड्डीलाल द्वारा दायर उक्त जनहित याचिका में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के परिणामों के बाद भड़की हिंसा के बीच पश्चिम बंगाल से असम भागकर आए पीड़ितों के पुनर्वास के उपायों की मांग की गई थी।

    कोखराजाहर जिले, असम के उपायुक्त ने उच्च न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि,

    "विस्थापित लोगों को जिला प्रशासन द्वारा covid19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आश्रय, भोजन और दवा प्रदान की गई थी। कोकराझार के गोसाईगांव जिले के उप-मंडल प्रशासन ने श्रीरानपुर एमजीआर एमई स्कूल में स्थापित राहत शिविर में व्यक्तियों को 24.04.2021 से 12.05.2021 तक आश्रय प्रदान किया।"

    हलफनामे में कहा गया है कि मामला पश्चिम बंगाल राज्य से संबंधित है और इस प्रकार अस्थायी राहत प्रदान करने के बाद विस्थापित व्यक्तियों को पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के प्रशासन को सौंप दिया गया।

    असम सरकार ने प्रस्तुत किया कि,

    "कोखराझार जिले में आश्रय लेने वाले 70 व्यक्तियों के पूरे समूह में कोई बच्चा नहीं था और कूचबिहार जिला प्रशासन, पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी के तहत सभी 70 व्यक्तियों ने राहत शिविर छोड़कर अपने घरों को लौट चुके हैं। राहत शिविर को बाद में 12.05.2021 को बंद कर दिया गया था।"

    हलफनामे में कहा गया है कि,

    "पश्चिम बंगाल से लोगों की और आमद नहीं हुई है और इस तरह, कोई भी राहत शिविर नहीं है जो 12.05.2021 से चालू है। मामले की उपरोक्त परिस्थितियों में उच्च न्यायालय याचिकाकर्ता को उचित मंच के समक्ष एक उपयुक्त आवेदन दायर करने के निर्देश के साथ जनहित याचिका को बंद कर सकता है।"

    मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई जिसके बाद उच्च न्यायालय ने केंद्र को मामले में अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने का एक आखिरी मौका दिया।

    कोर्ट ने कहा कि,

    "भारत संघ को अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने का आखिरी मौका दिया गया है। याचिकाकर्ता एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करें। मामले को 24 सितंबर, 2021 के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।"

    अधिवक्ता दितुल दास के माध्यम से दायर याचिका में उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने की मांग की गई थी, जिसमें उन्हें उन शिविरों का दौरा करने की आवश्यकता थी, जहां ऐसे विस्थापित लोग रह रहे हैं और इस संबंध में एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें।

    याचिका में सभी मामले में असम राज्य में प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की गई और आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के संबंध में नियम बनाने के लिए भारत संघ को निर्देश देने की भी प्रार्थना की गई थी।

    केस का शीर्षक: अभिजीत सरमा एंड अन्य बनाम असम राज्य एंड दो

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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