पद पर व्यक्ति को नियुक्ति का निहित अधिकार प्राप्त होता है, सिविल परिणाम वाले आदेशों को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को पूरा करना चाहिए : इलाहाबाद हाईकोर्ट

Sharafat

30 Sep 2023 1:31 PM GMT

  • पद पर व्यक्ति को नियुक्ति का निहित अधिकार प्राप्त होता है, सिविल परिणाम वाले आदेशों को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को पूरा करना चाहिए : इलाहाबाद हाईकोर्ट

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि एक बार जब किसी व्यक्ति को नियुक्ति मिल जाती है तो उसे उक्त पद पर बने रहने का निहित अधिकार प्राप्त हो जाता है और सिविल परिणामों वाले कोई भी आदेश उसे सुनवाई का अवसर देने के बाद पारित किया जाना चाहिए।

    याचिकाकर्ता की सिविल पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति उसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के तथ्य। छिपाने के आधार पर रद्द कर दी गई थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जब वह नाबालिग थे तब उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की गई थी और उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।

    राज्य के वकील ने याचिकाकर्ता द्वारा आपराधिक कार्यवाही को जानबूझकर छिपाने पर जोर दिया।

    जस्टिस मनीष माथुर की पीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति रद्द करने से पहले उसे सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया। तदनुसार, न्यायालय ने टिप्पणी की

    “ इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता को पहले नियुक्ति दी गई है, इसलिए उसने उक्त पद पर बने रहने के लिए निहित अधिकार प्राप्त कर लिया है और याचिकाकर्ता के सिविल परिणामों के साथ कोई भी आदेश स्वाभाविक रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के उद्देश्य का पालन करना आवश्यक है।

    जहां तक यह याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर साबित करने से संबंधित है। विपरीत पक्षों द्वारा इस तरह की कार्रवाई न किए जाने से स्पष्ट रूप से आदेश ख़राब हो गया है।''

    रिट याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुपालन में नए आदेश जारी करने की स्वतंत्रता दी गई।

    केस टाइटल: अरुण कुमार बनाम प्रमुख सचिव. गृह विभाग उत्तर प्रदेश के माध्यमंसे उत्तर प्रदेश राज्य 6796/2023

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